Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 06:19 PM
अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोलने वाले किसानों के आगे आखिरकार महाराष्ट्र सरकार झुक ही गई। सरकार ने आंदोलनकारी किसानों की अधिकांश मांगें मान ली। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आज विधानसभा में कहा कि वर्ष 2008 में तत्कालीन सरकार...
नेशनल डेस्क: अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोलने वाले किसानों के आगे आखिरकार महाराष्ट्र सरकार झुक ही गई। सरकार ने आंदोलनकारी किसानों की अधिकांश मांगें मान ली। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आज विधानसभा में कहा कि वर्ष 2008 में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित रिण माफी से बाहर रहने वाले किसानों को पिछले वर्षों की योजना के दायरे में लाया जायेगा।
सीएम ने कहा कि 2001-09 के दौरान रिण चुकाने में असफल रहे किसान और 2008 की रिण माफी योजना का लाभ नहीं उठा सके किसानों को छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकारी सन्मान योजना( सीएसएमएसएसवाई) में शामिल किया जायेगा। इस योजना की घोषणा गत जून में भाजपा की अगुआई वाली राज्य सरकार ने की थी। किसानों के नेताओं और राज्य सरकार के बीच कल हुई बातचीत के नतीजों पर मुख्यमंत्री निचले सदन में एक बयान दे रहे थे। वाम से सम्बद्ध ऑल इंडिया किसान सभा के बैनर तले हजारों की संख्या में किसान और आदिवासी लगभग 180 किलोमीटर की दूरी तय करके कल नासिक से मुम्बई पहुंचे थे।
राज्य सरकार द्वारा किसानों की लगभग सभी मांगों पर सहमति व्यक्त करने के बाद किसानों ने प्रदर्शन को कल वापस ले लिया था। फडणवीस ने कहा कि सीएसएमएसएसवाई को लागू करने के लिए समिति बनाई जायेगी जिसमें मंत्रियों के साथ-साथ किसान संगठनों के नेता भी शामिल होंगे। वन भूमि के हस्तांतरण अधिकारों के लिए किसानों की मांग का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को ऐसा करने के लिए छह महीने की जरूरत है।