Edited By vasudha,Updated: 16 Apr, 2018 07:56 PM
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे मेडिकल छात्र को गिरफ्तार है जो 5 महीने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में फर्जी डॉक्टर बनकर रह रहा था। उसकी पहचान बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले अदनान खुर्रम के रूप में हुई है...
नेशनल डेस्क: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे मेडिकल छात्र को गिरफ्तार किया है जो 5 महीने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में फर्जी डॉक्टर बनकर रह रहा था। उसकी पहचान बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले अदनान खुर्रम के रूप में हुई है जिसने मेडिकल छात्रों और अलग-अलग डिपार्टमेंट के डॉक्टरों से दोस्ती बढ़ाई। यही नहीं खुद को रेजीडेंट डॉक्टर बताकर वह नेताओं के साथ फोटो खिंचवाता था और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को खुर्रम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में फर्जी डॉक्टर की जानकारी देख पुलिस भी हैरान रह गई। उसे दवाओं, एम्स के डॉक्टरों और वहां के विभागाध्यक्षों की पूरी जानकारी थी। वह एम्स के डॉक्टरों की डायरी लेकर घूमता था। वह जिस डॉक्टर से मिलता था उसका नाम डायरी में लिख लेता था। मेडिकल की जानकारी होने का फायदा उठा वो एम्स में फर्जी डॉक्टर बना हुआ था। हालांकि उसका मकसद अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है क्योंकि वह पुलिस के आगे अपने बयान बदल रहा है।
आरोपी का कहना है कि उसने एक बीमार परिवार को एम्स में जल्द दाखिला दिलाने के लिए ऐसा किया। दूसरा कारण उसने यह बताया कि उसे मेडिकल का पेशा काफी पसंद है और उसे डॉक्टरों के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता था इसलिए उसने ऐसा किया। खुर्रम बीते पांच महीने से एम्स में था लेकिन कुछ डॉक्टरों को उसकी हरकतें संदिग्ध लगीं। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इसकी शिकायत चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर से की तो मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने खुर्रम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419 और 468 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
आरडीए अध्यक्ष हरजीत सिंह ने कहा कि उन्हें तब संदेह हुआ जब खुर्रम हमेशा लैब कोट पहने, गले में स्टेथोस्कोप लटकाए घूमता रहता था। वह अलग-अलग डॉक्टरों से अलग-अलग दावे करता था। उन्होंने कहा कि एम्स में लगभग 2 हजार रेजिडेंट डॉक्टर हैं जिन्हें पहचानना मुश्किल है। वह इसी का नाजायज फायदा उठाता था।जब भी एम्स में कोई कार्यक्रम होता था तो ये उसमें शामिल हो जाता है।