किसान नेताओं का दावा- ट्रैक्टर रैली में खुद ही आ धमका दीप सिद्धू, बोला- 'हमारा रूट रिंग रोड'

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Jan, 2021 10:27 AM

farmer leaders claim deep sidhu himself come in tractor rally

गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराए जाने की घटना के पीछे अभिनेता दीप सिद्धू का हाथ बताया जा रहा है। सिद्धू ही वह शख्स था जिसने लाल किले की प्राचीर से कुछ दूरी पर लगे पोल पर निशान साहिब...

नेशनल डेस्क: गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराए जाने की घटना के पीछे अभिनेता दीप सिद्धू का हाथ बताया जा रहा है। सिद्धू ही वह शख्स था जिसने लाल किले की प्राचीर से कुछ दूरी पर लगे पोल पर निशान साहिब और किसान यूनियन का झंडा लगाया था। इस पूरी घटना के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के कुछ नेताओं का कहना है कि सोमवार रात के बाद से मंगलवार सुबह तक उनके मंच पर कई अराजक तत्वों ने कब्जा कर लिया था, उसमें दीप सिद्धू भी शामिल था।

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दीप सिद्धू ने लोगों को भड़काया कि हमारा रूट- रिंग रोड है। SKM नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच जिस रूट पर सहमति बनी थी उसका विरोध करने के लिए मंच पर सिद्धू ने कब्जा कर लिया और कहा कि हम रिंग रोड पर मार्च निकालेंगे। SKM नेताओं ने दावा किया कि मंच पर दीप सिद्धू के अलावा गैंगेस्टर से नेता बने लखबीर सिंह सिधाना उर्फ लक्खा सिधाना भी मौजूद था। बता दें कि दीप सिद्धू साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सनी देओल के लिए प्रचार भी कर चुका है।

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क्या बोला दीप सिद्धू
दीप सिद्धू ने यह कह कर अपना बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब' को लगाया था। ‘निशान साहिब' सिख धर्म का प्रतीक है और इस झंडे को सभी गुरुद्वारा परिसरों में लगाया जाता है। सिद्धू ने फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में दावा किया कि वह कोई योजनाबद्ध कदम नहीं था और उन्हें कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए जैसा कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है। सिद्धू ने कहा ने 'निशान साहिब' की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह झंडा देश की ‘‘विविधता में एकता'' का प्रतिनिधित्व करता है।

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बता दें कि मंगलवार को लाल किले से तिरंगे का अपमान किया गया और वहां पर  'निशान साहिब' और किसानों का झंडा लगाया गया। पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन से जुड़े सिद्धू ने कहा कि जब लोगों के वास्तविक अधिकारों को नजरअंदाज किया जाता है तो इस तरह के एक जन आंदोलन में ‘‘गुस्सा भड़क उठता है। विभिन्न दलों के नेताओं ने लाल किले पर हिंसा की घटना की निंदा की है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं में से एक एवं स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ‘‘हमने सिद्धू को शुरू से ही अपने प्रदर्शन से दूर कर दिया था।

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