सरकार के साथ किसानों की बातचीत रही बेनतीजा, पढ़ें दिनभर की 10 बड़ी खबरें

Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Dec, 2020 08:29 PM

farmers  dialogue with the government was inconclusive

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के 32 सदस्यों की सरकार के साथ उच्च स्तरीय बातचीत बेनतीजा रही है। अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी। बैठक में विज्ञान भवन में किसानों के साथ बैठक में APMC Act and MSP पर सरकार की तरफ से...

नेशनल डेस्क: कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के 32 सदस्यों की सरकार के साथ उच्च स्तरीय बातचीत बेनतीजा रही है। अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी। बैठक में विज्ञान भवन में किसानों के साथ बैठक में APMC Act and MSP पर सरकार की तरफ से प्रेजेंटेशन दिया जा रहा है। वहीं, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने मंगलवार को दिल्ली-गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। आजाद के साथ उनके सैकड़ों समर्थक भी प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा है कि यदि खतरे वाले लोगों को टीका लगाकर कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन रोकने में सफलता मिली तो शायद देश की पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़े।

पढ़ें दिनभर की 10 बड़ी खबरें

सरकार के साथ किसानों की बातचीत रही बेनतीजा
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के 32 सदस्यों की सरकार के साथ उच्च स्तरीय बातचीत बेनतीजा रही है। अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी। बैठक में विज्ञान भवन में किसानों के साथ बैठक में APMC Act and MSP पर सरकार की तरफ से प्रेजेंटेशन दिया जा रहा है।  सरकार किसानों को MSP पर समझाने की कोशिश कर रही है।बैठक में कृषि कानून वापस लेने पर किसान अड़े हुए हैं जबकि सरकार चर्चा के लिए बनाने की बात कर रही है। सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि समिति रोजाना बैठकर चर्चा करने को तैयार है, ताकि जल्द नतीजा निकल सके. सूत्रों के मुताबिक, एक किसान प्रतिनिधि ने कहा कि ये नए कानून किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ हैं। 

दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में उतरे 'भीम आर्मी चीफ
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने मंगलवार को दिल्ली-गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। आजाद के साथ उनके सैकड़ों समर्थक भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उनकी मांग है कि नए कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिया जाए। वहीं किसानों के प्रदर्शन में चंद्रशेखर आज़ाद के जुड़ जाने से अब इसे राजनीतिक रूप लेने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस साल मार्च में राजनीतिक पार्टी बनाने वाले उत्तर प्रदेश के दलित नेता ने कहा, " किसान इस सर्दी में अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं।

भारत में सबको नहीं लगेगी कोरोना वायरस की वैक्सीन, जानें सरकार ने क्या कहा?
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा है कि यदि खतरे वाले लोगों को टीका लगाकर कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन रोकने में सफलता मिली तो शायद देश की पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़े। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ऐसे वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए।

SC बोला- घरों के बाहर कोरोना के पोस्टर लगाने से मरीजों के साथ हो रहा अछूतों जैसा व्यवहार
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कोरोना मरीजों के मकान के बाहर एक बार पोस्टर लग जाने पर उनके साथ ‘अछूतों' जैसा व्यवहार हो रहा है और यह जमीनी स्तर पर एक अलग हकीकत बयान करता है। इस पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हालांकि उसने यह नियम नहीं बनाया है लेकिन इसकी covid-19 मरीजों को ‘कलंकित' करने की मंशा नहीं है, इसका लक्ष्य अन्य लोगों की सुरक्षा करना है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम. आर. शाह की पीठ ने कहा कि जमीनी स्तर की हकीकत ‘कुछ अलग है' और उनके मकानों पर ऐसा पोस्टर लगने के बाद उनके साथ अछूतों जैसा व्यवहार हो रहा है। 

जम्मू-कश्मीरः डीडीसी चुनाव के दूसरे चरण में हुआ 48 फीसदी से अधिक मतदान
जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के मंगलवार को हो रहे दूसरे चरण के चुनाव में शाम 6 बजे तक 48.62 प्रतिशत मतदान हुआ। डीडीसी के साथ ही 83 निर्वाचन क्षेत्रों में सरपंच के चुनाव भी हो रहे हैं, जिसके दूसरे चरण में कुल 223 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 331 निर्वाचन क्षेत्रों में पंचों के उपचुनाव भी हो रहे हैं, जिसमें 700 से ज्यादा उम्मीदवार किस्मत आज़मा रहे हैं। 

कनाडा के PM ट्रूडो को भारत का जवाब- हमारे मामलों में दखल देने की ना करो कोशिश
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति चिंता जाहिर की है। उन्होंने किसानों को समर्थन देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा। इसी बीच भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल न देने की नसीहत दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रूडो भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि हमने भातीय किसानों से संबंधित पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणियां देखीं जो गलत सूचना पर आधारित हैं।

दिल्ली सरकार ने जारी की एक कृषि कानून की अधिसूचना, भाजपा ने साधा निशाना
दिल्ली सरकार ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों में से एक की अधिसूचना जारी कर दी है जबकि बाकी दो अन्य पर विचार किया जा रहा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) कानून, 2020 को 23 नवंबर को अधिसूचित किया गया था। उन्होंने कहा, '' बाकी दो कानूनों पर दिल्ली सरकार के विकास विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है।''

सीमा विवादः पूर्वी लद्दाख में ठंड से बेहाल चीनी सैनिक, रोज बदले जा रहे जवान
चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख सेक्टर की भीषण ठंड को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें फॉरवर्ड पोजिशनों (अग्रिम चौकियों) पर दैनिक आधार पर रोटेट किया जा रहा है, जबकि भारतीय सैनिक उन्हीं स्थानों पर लंबे समय से डटे हुए हैं। अभी तक आक्रामक रुख दिखा रहा चीन मौसम के आगे हार मान रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार एक सरकारी सूत्र ने बताया, 'वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकियों पर तैनात हमारे सैनिक अपने स्थानों पर चीनी सैनिकों की तुलना में ज्यादा लंबे समय कर रह रहे हैं।

अपने ही परिवार में घिरी शेहला रशीद, पिता ने बेटी के एंटी नेशनल होने के दिए सबूत
जेएनयू की पूर्व छात्र नेता और कार्यकर्ता शेहला रशीद  अब अपने ही परिवार के निशाने पर आ गई है। शेहला के पिता अब्दुल राशिद शोरा ने अपनी ही बेटी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है।  हालांकि छात्र नेता ने अपने पिता द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। शोरा ने बेटी के एनजीओ के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कश्मीर घाटी में राजनीति से जुड़ने के लिए शेहला ने धन लिए थे। 

चंदा कोचर को नहीं मिली राहत
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर को एक बार फिर उच्चतम न्यायालय  से बड़ा झटका मिला है। न्यायालय ने कोचर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने बैंक से उन्हें बर्खास्त करने के खिलाफ दायर अर्जी को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा अस्वीकार किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि माफ कीजिए, हम उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला निजी बैंक और कर्मचारी के बीच का है।

 

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