Edited By rajesh kumar,Updated: 27 Jan, 2021 10:05 PM
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में दरारें दिखने के बीच बुधवार को किसान संगठनों ने एक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द कर दिया। उसी दिन संसद में बजट पेश किया जाना है। किसान संगठनों का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में ट्रै
नई दिल्लीः कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में दरारें दिखने के बीच बुधवार को किसान संगठनों ने एक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द कर दिया। उसी दिन संसद में बजट पेश किया जाना है। किसान संगठनों का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के दौरान भारी हिंसा के एक दिन बाद आया है। एक दिन पहले हुई हिंसा में करीब 400 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।
किसान नेताओं ने हालांकि आरोप लगाया है कि मंगलवार की घटनाओं के पीछे एक साजिश थी और उन्होंने इस संबंध में जांच कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन चलता रहेगा और 30 जनवरी को देश भर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी।
किसान नेता दर्शन पाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ट्रैक्टर परेड सरकारी साजिश से प्रभावित हुई थी। दीप सिद्धू आरएसएस का व्यक्ति है। पुलिस ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के बाद उसे जाने दिया।'' सिद्धू अभिनेता और भाजपा सांसद सनी देओल के पूर्व सहयोगी हैं। किसानों के आंदोलन का समर्थन करने को लेकर देओल ने दिसंबर में सिद्धू से खुद को अलग कर लिया था।
पाल ने कहा, "हमने एक फरवरी को बजट के दिन संसद मार्च की अपनी योजना रद्द कर दी है। लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा और 30 जनवरी को देशभर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी।'' एक अन्य किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने दावा किया कि मंगलवार की परेड में दो लाख से अधिक ट्रैक्टरों के साथ लाखों लोगों ने भाग लिया और "99.9 प्रतिशत प्रदर्शनकारी शांत थे।''