किसान संगठनों की सुप्रीम कोर्ट से अपील, समिति में करें नए लोगों का चयन

Edited By Yaspal,Updated: 16 Jan, 2021 05:35 PM

farmers  organizations appeal to the supreme court

एक किसान संगठन ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति से शेष तीनों सदस्यों को हटाया जाए और ऐसे लोगों को उसमें रखा जाए जो ‘‘परस्पर सौहार्द के आधार पर'''' काम कर सकें।...

नई दिल्लीः एक किसान संगठन ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति से शेष तीनों सदस्यों को हटाया जाए और ऐसे लोगों को उसमें रखा जाए जो ‘‘परस्पर सौहार्द के आधार पर'' काम कर सकें। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने कहा कि यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन होगा क्योंकि चार सदस्यीय समिति में जिन लोगों को नियुक्त किया गया है ‘‘उन्होंने इन कानूनों का समर्थन किया है।''

एक हलफनामे में संगठन ने केंद्र सरकार की एक याचिका को भी खारिज करने की मांग की है जिसे केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस के मार्फत दायर कर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च या किसी अन्य प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च के खिलाफ केंद्र के आवेदन पर 18 मार्च को सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति उन 40 किसान संगठनों में शामिल है जो कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए करीब 50 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी और शिकायतों को सुनने तथा गतिरोध के समाधान पर अनुशंसा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति में भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान के दक्षिण एशिया के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घानावत शामिल हैं।

बहरहाल, मान ने 14 जनवरी को खुद को समिति से हटा लिया था। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने वकील ए. पी. सिंह के मार्फत दायर जवाब में शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि ‘‘समिति से इन तीनों सदस्यों को हटाया जाए और उन लोगों को नियुक्त किया जाए जो परस्पर सौहार्द के आधार पर रिपोर्ट दे सकें...।''

ट्रैक्टर रैली पर दिल्ली पुलिस द्वारा रोक लगाने की मांग करने के मुद्दे पर इसने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत नयी दिल्ली क्षेत्र में पहले से ही निषेधाज्ञा लागू है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।

 

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