Edited By Yaspal,Updated: 27 Oct, 2020 07:00 PM
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने हाल ही में बने कृषि कानूनों के खिलाफ पांच नवंबर को देश व्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया है। एआईकेएससीसी से जुड़े और इसे समर्थन दे रहे करीब चार सौ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज यहां बैठक...
नई दिल्लीः अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने हाल ही में बने कृषि कानूनों के खिलाफ पांच नवंबर को देश व्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया है। एआईकेएससीसी से जुड़े और इसे समर्थन दे रहे करीब चार सौ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज यहां बैठक की। बैठक में फैसला लिया गया कि पांच नवंबर को चक्का जाम कार्यक्रम के बाद 26 और 27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो, डेरा डालो, घेरा डालो' आँदोलन के जरिए केन्द्र सरकार पर किसान कानूनों को वापस लेने का दबाव डाला जाएगा।
बैठक के बाद स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव और एआईकेएससीसी के संयोजक वी. एम. सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केन्द्र सरकार जब तक कृषि कानूनों को वापस नही लेगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। इसे वापस ले। यादव ने कहा कि पांच नवंबर को कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का चक्का जाम किया जाएगा।
उन्होंने बिजली विधेयक के जरिए केन्द्र सरकार , राज्य सरकारों की ओर से बिजली पर दी जा रही सब्सिडी को नियंत्रित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुचाने चाहत है। उन्होंने ने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रस्तावित बिजली विधेयक का मसौदा भी जनता के हितों के खिलाफ है लिहाज़ा सरकार कृषि कानून लेकर आई और अब बिजली विधेयक का मसौदा इसी मंशा से तैयार किया गया है।
यादव ने कहा कि किसान संगठनों ने पंजाब में मालवाहक ट्रेनों के परिचालन का कभी विरोध नहीं किया लेकिन सरकार मालवाहक ट्रेनों का परिचालन बंद कर और आपूर्ती को बाधित करके किसान संगठनों को बदनाम करना चाहती है। महाराष्ट्र से पूर्व सांसद और किसान नेता राजू शेट्टी ने कहा कि पांच नवंबर को देशभर के सरकारी कार्यालयों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उसके सहयोगी दलों और कॉरपोरेट दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।
एआईकेएससीसी के अलावा देश के 15 राज्यों के किसान संगठन सामूहिक तौर पर कृषि कानून और बिजली विधेयक के खिलाफ आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इस आंदोलन की सफलता को सुनिश्चत करने के लिए संयुक्त समन्वय समिति का गठन किया गया है जिसमें वी एम सिंह, योगेन्द्र यादव, राजू शेट्टी. बलबीर सिंह राजेवाल और गुरनाम सिंह को सदस्य मनोनीत किया गया है।