काले कानूनों का विरोध करने वाले आंदोलनकारी किसान राष्ट्रविरोधी नहीं : भट्टी

Edited By Monika Jamwal,Updated: 31 Dec, 2020 05:32 PM

farmers are not anti national

केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के समर्थन में आज किसानों ने बाडिय़ाँ (सुपवाल) में विरोध प्रदर्शन किया गया।

साम्बा : केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के समर्थन में आज किसानों ने बाडिय़ाँ (सुपवाल) में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर कुलविन्द्र सिंह, बचन सिंह, पूर्व सरपंच गुरजीत सिंह, बार्डर किसान यूनीयन के चेयरमैन मोहन सिंह भट्टी सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। 


    लेके रहेंगे अपना हक, काला कानून वापस लो और किसान एकता जिंदाबाद जैसे नारे लगाते हुए इन किसानों ने कहा कि केन्द्र सरकार अडिय़ल रवैया छोड़े व किसान विरोधी तीनों काले कानून वापस ले अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता मोहन सिंह भट्टी ने कहा कि यह कानून कार्पोरेट घरानों को फायदा देने के लिए बनाया गया है इसलिए वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि ध्यान भटकाने के लिए कुछ लोग आंदोलनकारी किसानों को राष्ट्रविरोधी और आंदोलन को खालिस्तान समर्थकों का आंदोलन बताया जा रहा है जो सरासर गलत है। वहीं बचन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को गत 30 दिन से सर्दी में धरने पर बैठे किसानों की हालत पर ध्यान देना चाहिए और कानून वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही जम्मू और साम्बा के किसान भी आंदोलन के समर्थन में दिल्ली जाएंगे और सरकार को झुकने पर मजबूर कर देंगे। 


 

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