Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Dec, 2021 12:23 PM
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है। तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में...
नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है। तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजे का कोई सवाल ही नहीं उठता।
दरअसल, सरकार ने लोकसभा में पूछा था कि क्या सरकार के पास कोई डाटा है कि कितने किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है और क्या सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी।
इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार सक्रिय रूप से आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत कर रही है, ताकि आंदोलन खत्म किया जा सके, इसके लिए सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच 11 स्तर की बातचीत भी हुई।
गौरतलब है कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को संसद के शीतकालीन सत्र में वापस ले लिया गया है, इसके अलावा सरकार ने कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट्स एंड प्राइस की सलाह पर सरकार ने 22 फसलों के एमएसपी घोषित किए हैं।
एक तरफ जहां सरकार ने कृषि आंदोलन के दौरान एक भी किसान की मौत न होने का दावा कर रही हैं वहीं किसान संगठनों का दावा है कि पिछले 1 साल से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों की मौत हुई है, इसके साथ ही किसान संगठन अपनी शर्तों में इन किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।
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