किसानों का सरकार के सामने चार सूत्रीय एजेंडा, खत्म होगा गतिरोध?

Edited By Yaspal,Updated: 26 Dec, 2020 11:31 PM

farmers four point agenda in front of government will deadlock end

नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान राजधानी दिल्ली के बाहर आंदोलन कर रहे हैं। आज उनके आंदोलन का 31वां दिन है। दिसंबर की ठिठुरती ठंड, रात की कड़ाके की सर्दी और कोरोना वायरस ने भी किसानों के हौसले के सामने घुटने टेक दिए हैं। किसान दिसंबर माह...

नेशनल डेस्क (यशपाल सिंह): नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान राजधानी दिल्ली के बाहर आंदोलन कर रहे हैं। आज उनके आंदोलन का 31वां दिन है। दिसंबर की ठिठुरती ठंड, रात की कड़ाके की सर्दी और कोरोना वायरस ने भी किसानों के हौसले के सामने घुटने टेक दिए हैं। किसान दिसंबर माह के अंत में धुंध भरी रातों में सिहरते हुए सरकार से लगातार नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहा है। किसानों ने शनिवार को प्रेस वार्ता करते हुए सरकार को चार सूत्रीय एजेंडा भेजा और 29 दिसंबर को बात करने का ऐलान किया है।

ये हैं चार सूत्री मांगे-
नए कृषि कानून रद्द करे सरकार
एमएसपी पर लिखित गारंटी, प्रावधानों पर चर्चा
वायु गुणवत्ता अधिनियम 2020 में संशोधन
बिजली संशोधन अधिनियम 2020 में बदलाव

किसानों ने सरकार से सामने जो चार सूत्रीय एजेंडा प्रस्तुत किया है, उनमें पहला नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग उठाई है। दूसरा एमएसपी पर लिखित गारंटी के साथ प्रावधानों पर चर्चा करने की बात कही है। तीसरा प्रदूषण को लेकर केंद्र द्वारा बनाए गए वायु गुणवत्ता अधिनियम (2020) में बदलाव की मांग रखी है। चौथा और अंत में नए बिजली संशोधन अधिनियम (2020) में बदलाव करने की मांग रखी है। इन चार सूत्री एजेंडे के साथ किसानों ने अपना जवाब केंद्र सरकार को भेज दिया है। उन्होंने ने यह पत्र केंद्र सरकार की उस चिट्ठी के जवाब में भेजा है, जिसमें कृषि संयुक्त सचिव ने 40 किसान संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था।

नए कृषि कानून रद्द हों
पंजाब से शुरू हुए इस आंदोलन ने अब राष्ट्रीय रूप ले लिया है, देशभर के किसान संगठन सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरित किसानों के समर्थन में आ रहे हैं। 40 संगठनों के किसान लगातार सरकार के सामने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग रखते आए हैं और अपने पत्र के जरिए एक बार फिर सरकार के सामने यही मांग दोहराई है।

एमएसपी पर गारंटी
किसान अपनी फसल के उचित मूल्य की गारंटी के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को कानूनी अमलीजामा पहनाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार लगातार किसानों से अपील कर रही है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाए लेकिन किसान सरकार की बात मानने को तैयार नहीं है। बताते चलें कि एमएसपी को लेकर देश में अब तक कोई कानून नहीं बना है।

वायु गुणवत्ता अधिनियम 2020
केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए वायु गुणवत्ता अधिनियम 2020 लेकर आई है, जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद अब कानून बन गया है। इस अधिनियम के तहत दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण फैलाने का दोषी पाए जाने वालों पर पांच साल तक की जेल और एक करोड़ रुपए जुर्मान का प्रावधान किया गया है। प्रदूषण फैलाने वालों का बिजली पानी भी बंद किया जा सकता है लेकिन किसान इसका विरोध कर इसमें संशोधन की मांग कर रहे हैं।

बिजली संशोधन अधिनियम (2020)
नए बिजली संशोधन अधिनियम को लेकर किसानों का आरोप है कि सरकार बिजली वितरण प्रणाली का निजीकरण कर रही है, जिससे किसानों को सब्सिडी पर या फ्री बिजली सप्लाई की सुविधा खत्म हो जाएगी।

किसानों और केंद्र के बीच चला आ रहा गतिरोध खत्म होगा? क्या सरकार किसानों की मांगें मानेगी? पिछले 1 महीने से चला आ रहा आंदोलन नए साल से पहले खत्म होगा? किसानों और केंद्र के बीच 29 दिसंबर को होने वाली बैठक पर पूरे देश की नजर रहेगी, जोकि मंगलवार को सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में शुरू होगी। इसमें 40 किसान संगठनों के नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री के अलावा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहेंगे।

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!