गांधीनगर में PM मोदी बोले- भारत के किसानों को कोई दिक्कत नहीं होगी, सारी मुसीबतें हम झेल लेंगे

Edited By Yaspal,Updated: 28 May, 2022 05:56 PM

farmers of india will not face any problem we will bear all the troubles

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में विश्व के पहले नैनो (तरल) उर्वरक कारखाने का उद्घाटन किया और कहा कि देश में ऐसे कुल और आठ कारखाने स्थापित करने की योजना है। मोदी ने इस अवसर पर आयातित महंगे यूरिया पर निर्भरता कम करने के...

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में विश्व के पहले नैनो (तरल) उर्वरक कारखाने का उद्घाटन किया और कहा कि देश में ऐसे कुल और आठ कारखाने स्थापित करने की योजना है। मोदी ने इस अवसर पर आयातित महंगे यूरिया पर निर्भरता कम करने के विकल्प तलाशने पर भी बल दिया। सहकारी उर्वरक कंपनी इफको द्वारा स्थापित इस कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 500 मिलीलीटर की 1.5 लाख बोतल नैनो यूरिया बनाने की है। मोदी ने कहा कि एक बोतल यूरिया एक बोरी यूरिया का काम करेगी और किसान उसे बाजार से अपने जेब में डालकर घर ला सकता है। इससे उसकी परिवहन की लागत बचेगी। वैज्ञानिक दूसरे नैनो उर्वरकों पर भी काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि किसानों को यूरिया के अलावा अन्य उर्वरक भी इस रूप में प्राप्त हो सकेंगे।

उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कार्यक्रम से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत उर्वरकों के मामलों में आयात पर बहुत अधिक निर्भर रहा है। देश को अपनी जरूरत की एक चौथाई यूरिया आयात करनी पड़त है। पोटाश और फासफेट पर हम शत-प्रतिशत आयात पर निर्भर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो साल कोरोना संक्रमण के कारण वैश्विक बाजार में उर्वरकों की कीमत बढ़ गयी थी और उसके बाद युद्ध (रूस-यूक्रेन) आ धमका और कीमतें उससे भी कई गुना बढ़ गयीं और उपलब्धता घट गई। मोदी ने कहा,‘‘ किसानों के प्रति संवेदनशील हमारी सरकार ने निर्णय किया कि हम सारी मुसीबत सह लेंगे लेकिन किसानों पर इसका असर नहीं पड़ने देंगे।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सब्सिडी देकर किसानों को वैश्विक बाजार के आघात से बचाए रखा है। उन्होंने कहा कि 2021-22 में सरकार ने उर्वरकों पर 1.60 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी थी,जो इस साल दो लाख करोड़ से ऊपर हो सकती है। मोदी ने साथ में यह सवाल भी किया कि क्या विदेश से आऩे वाले महंगे उर्वरकों पर भारतीय किसानों की निर्भरता को दूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ क्या महंगे उर्वरकों का कोई सामाधान नहीं होना चाहिए? '' प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सवाल आज नहीं पिछली सरकार के सामने भी था, लेकिन हमने इस सवाल को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस समय जो देश प्राकृतिक खेती के तरीके अपनाने पर जोर दे रहे हैं, वही समाधान का एक हिस्सा हो सकता है।

मोदी ने कहा कि केंद्र में सत्ता संभालने के बाद उन्होंने यूरिया के पांच बंद पड़े कारखानों को चालू करने का संकल्प उठाया था। इसमें उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में दो कारखाने चालू हो गए, बाकी तीन भी जल्द शुरू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के अपनी सरकार के मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि सहकारिता भी आत्मनिर्भता का एक सशक्त मॉडल है। उन्होंने गुजरात में सहकारिता आंदोलन की मजबूती की सराहना की। 

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