किसानों और सरकार की बैठक 2 फरवरी को, दिल्ली के साथ लगती सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी

Edited By Seema Sharma,Updated: 31 Jan, 2021 02:39 PM

farmers protest farmers and government meeting on 2 february

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों का कहना है कि वे तब तक डटे रहेंगे जब तक तीनों कृषि कानून वापिस नहीं ले लिए जाते। वहीं सरकार और किसानों की अगली वार्ता 2 फरवरी को होगी। बता दें कि इससे पहले 22 जनवरी को...

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों का कहना है कि वे तब तक डटे रहेंगे जब तक तीनों कृषि कानून वापिस नहीं ले लिए जाते। वहीं सरकार और किसानों की अगली वार्ता 2 फरवरी को होगी। बता दें कि इससे पहले 22 जनवरी को किसान नेताओं और केंद्र के बीच बैठक हुई थी जिसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था।

PunjabKesari

वहीं 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। गणतंत्र दिवस पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था, इस दौरान किसानों ने दिल्ली में काफी हिंसा की थी। लाल किसे को भी नुकसान पहुंचाया गया और उसके अंदर तोड़फोड़ की गई। इतना नहीं किसान लाल किले की प्राचीर पर चढ़ गए और वहां निशान साहिब का झंडे के साथ ही किसानों का झंडा लगाया गया था।

PunjabKesari

दिल्ली के साथ लगीती सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी
26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद पूरे देश में किसानों के खिलाफ विरोध के स्वर तेज हो गए। सिंघु बॉर्डर पर तो नजदीक के गांव वाले लोग आ गए और किसानों को वहां से हटने को कहा। इसके बाद किसानों और स्थानीय लोगों में झड़प भी हो गई थी। दोनों तरफ से पत्थरबाजी की गई। इस घटना के बाद पुलिस ने टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर  बॉर्डर और सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। इसके साथ ही तीनों जगहों पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद भारी संख्या में किसान एक बार फिर से जुटने शुरू हो गए हैं। 

PunjabKesari

पीएम मोदी बोले- बातचीत से निकले हल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज ‘एक फोन कॉल की दूरी' है। संसद सत्र से पहले पारंपरिक सर्वदलीय बैठक में मोदी ने गणतंत्र दिवस के दिन हुई ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना' का विपक्षी नेताओं की ओर से किए गए उल्लेख का जवाब देते हुए कहा कि ‘कानून अपना काम करेगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दे पर खुले मन से आगे बढ़ रही है, केंद्र का रुख वही है जो 22 जनवरी को किसान नेताओं और केंद्र के बीच हुई आखिरी बैठक में था तथा कृषि मंत्री (नरेंद्र तोमर) की ओर से दिया गया प्रस्ताव आज भी बरकरार है। पीएम मोदी ने वही बात कही जो तोमर जी ने कहा था कि बातचीत में सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है।

PunjabKesari

PunjabKesari

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!