Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Dec, 2020 02:36 PM
नए कृषि कानून के खिलाफ भारी संख्या में किसान पिछले नौ दिन से दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं किसानों को मनाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। किसानों और सरकार के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है और...
नेशनल डेस्क: नए कृषि कानून के खिलाफ भारी संख्या में किसान पिछले नौ दिन से दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं किसानों को मनाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। किसानों और सरकार के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है और पांचवें दौर की वार्ता 5 दिसंबर को होगी। किसान आंदोलन पर विपक्ष भी सरकार पर लगातार हमलावर हो रहा है। जम्मू-कश्मीर (अविभाजित) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। मुफ्ती ने कहा कि 'किसानों के आंदोलन ने भारत सरकार को घुटने पर ला दिया।
मुफ्ती ने ट्वीट किया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन ने भारत सरकार को घुटनों पर ला दिया। मुफ्ती ने कहा कि भाजपा लोगों की ताकत से डर गई है और इस कारण से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से ही राज्य में दमन जारी है। मुफ्ती ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अनुमति नहीं देना सभी मोर्चों पर उनकी घबराहट और विफलता को दिखा रहा है।