Edited By vasudha,Updated: 11 Dec, 2020 10:29 AM
केंद्र सरकार कई बार यह कह चुकी है वह किसान संगठनों के साथ कृषि सुधार कानूनों की खामियों पर चर्चा करने के लिये किसी भी समय खुले मन से तैयार हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ने भी वीरवार को दोहराया कि कृषि...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार कई बार यह कह चुकी है वह किसान संगठनों के साथ कृषि सुधार कानूनों की खामियों पर चर्चा करने के लिये किसी भी समय खुले मन से तैयार हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ने भी वीरवार को दोहराया कि कृषि सुधार कानून में खामियों पर चर्चा के लिये सभी रास्ते खुले हुये हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जनता से इन दोनों मंत्रियों की बात सुनने की अपील की है।
ट्वीट के साथ जारी किया वीडियो
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को ट्वीट कर लिखा कि मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें। अपने ट्वीट के साथ पीएम ने एक वीडियो भी जारी की है, जिसमें कृषि मंत्री और पीयूष गोयल कृषि कानूनों को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।
किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करना चाहती है सरकार: तोमर
दोनों मंत्रियों ने किसान संगठनों से आंदोलन समाप्त कर सरकार के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव दोहराया। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत चल ही रही थी कि इसी दौरान आंदोलन को तेज करने की घोषणा की गयी जो उचित नहीं है। तोमर ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र के उत्थान और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिये योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रही है। सरकार चाहती है कि किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो और इससे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुधरे। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार तीन कृषि सुधार कानूनों को लाई थी, जिस पर लोकसभा और राज्यसभा में व्यापक चर्चा की गयी।
कानून में संशोधन के लिए सरकार तैयार: कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश से न केवल नयी तकनीक आयेगी, बल्कि आधारभूत संरचनाओं का निर्माण होगा, जिसका लाभ अंतत: किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के बजट को बढ़ा कर 1,34,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय से छह गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ चर्चा के दौरान जहां कहीं भी कानूनों में खामियां नजर आईं थी उस पर संशोधन के प्रस्ताव दिये गये थे। इसमें किसानों की तमाम शंकाओं का समाधान किया गया था इसके बावजूद सरकार किसानों के किसी भी मुद्दे पर एक बार फिर खुले मन से चर्चा के लिये तैयार है।