Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Dec, 2020 01:34 PM
कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान अभी सरकार के साथ किसी भी तरह के समझौते के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। किसानों के आंदोलन को 20 दिन हो चले हैं लेकिन वे जस के तस बॉर्डरों पर डटे हुए हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि क्सानों के...
नेशनल डेस्क: कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान अभी सरकार के साथ किसी भी तरह के समझौते के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। किसानों के आंदोलन को 20 दिन हो चले हैं लेकिन वे जस के तस बॉर्डरों पर डटे हुए हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि क्सानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होगा। गडकरी ने कहा कि किसानों को कुषि कानून से किसी तरह का भी नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व हैं जो किसानों को भटका और उलझा रहे हैं। गडकरी ने कहा कि नागपुर के पास गढ़चिरौली जिला है जो नक्सली प्रभावित है। उसमें, एक व्यक्ति को नामजद किया गया था और उसे अदालत से जमानत भी नहीं मिली थी। वह जेल में है। किसानों के साथ उनका कोई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है लेकिन विरोध में उसकी तस्वीर देखी गई थी। मैं इसे समझ नहीं सका।
गडकरी ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के साथ किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार है क्योंकि केंद्र किसानों के प्रति समर्पित है। गडकरी ने कहा कि अभी तक हमारी सरकार ने जिसते भी फैसले लिए हैं उससे किसी को कोई हानि नहीं हुई है। सरकार किसानों के हित में ही काम करेगी। किसान जो भी प्रस्ताव देंगे सरकार उसे स्वीकार करने के लिए तैयार है। किसानों को तीनों कृषि कानूनों को समझने की कोशिश करनी चाहिए, उनके साथ अन्याय नहीं होगा। वहींं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है। तोमर ने कहा कि बैठक निश्चित रूप से होगी। हम किसानों के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं। इस बीच आगे की कार्रवाई को लेकर अलग-अलग समूहों ने तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।