Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 06:19 PM
वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को लेकर डा फारूक अब्दुल्ला ने फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र द्वारा कश्मीर मसले पर बात करने के लिए नियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा की सफलता को वह तब मानेंगे जब उसकी रिपोर्ट देश की संसद में पेश होगी।
श्रीनगर: वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को लेकर डा फारूक अब्दुल्ला ने फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र द्वारा कश्मीर मसले पर बात करने के लिए नियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा की सफलता को वह तब मानेंगे जब उसकी रिपोर्ट देश की संसद में पेश होगी। सिर्फ यही नहीं बल्कि डा अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि नई दिल्ली अपने वार्ताकारों और उनके अधिकारों को स्पष्ट करे क्योंकि सरकार के अपने ही प्रतिनिधि वार्ताकार के दौरे को लेकर अलग-अलग बातें कर रहे हैं।
डा अब्दुल्ला अपने हर बयान में पाकिस्तान को किसी न किसी तरह से शामिल कर ली लेते हैं। उन्होंने इस बार भी ऐसा ही किया है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली से बात करने का तुक तब तक नहीं बनता जब तक पड़ोसी पाकिस्तान को वार्ता में शामिल नहीं किया जाता है। डा अब्दुल्ला ने कहा कि सीमाओं पर बिना कारण निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं और दोनों देशों को इस मसले में आगे आकर इसे सुलझाना चाहिए। गौरतब है कि इससे पहले डा अब्दुल्ला अपने बयान में कह चुके हैं कि पीओके पाकिस्तान का है और उसी का रहेगा।
धूल चाटी रही पहले के वार्ताकारों की रिपोर्ट
डा अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा कि वार्ताकार तो कश्मीर पहले भी आए थे। क्या हुआ। उनकी बनाई रिपोर्ट धूल चाट रही है। रिपोर्ट फाइल से बाहर नहीं आई और उसने कभी दिन की रोशनी नहीं देखी। यूपीए सरकार ने जम्मू कश्मीर में तीन वार्ताकार भेजे थे जिन्होंने वर्ष 2012 में अपनी रिपोर्ट में स्वायत्ता पर जोर दिया था।