Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Jul, 2022 04:13 PM
भारतीय वायुसेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक पिता और बेटी ने एक साथ फाइटर जेट उड़ाया । जी हां, एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी अनन्या ने हॉक-132 प्लेन में एक ही फॉर्मेशन में उड़ान भरी जो भारतीय वायुसेना के लिए एक ऐताहिसक पल था।
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक पिता और बेटी ने एक साथ फाइटर जेट उड़ाया । जी हां, एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी अनन्या ने हॉक-132 प्लेन में एक ही फॉर्मेशन में उड़ान भरी जो भारतीय वायुसेना के लिए एक ऐताहिसक पल था।
दरअसल, वायुसेना स्टेशन बीदर में फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा (24) का प्रशिक्षण चल रहा है। जहां एक पिता और उनकी बेटी एक मिशन के लिए एक ही फॉर्मेशन का हिस्सा बने। एक अधिकारी ने कहा कि वे पिता और बेटी से बढ़कर थे। उन्हें एक दूसरे पर पूरा भरोसा था। एयर कमोडोर संजय शर्मा ने कहा कि 'अनन्या हमेशा कहती थी कि पापा, मैं आपकी तरह फाइटर पायलट बनना चाहती हूं। मेरे जीवन का वह सबसे बड़ा और गौरवपूर्ण दिन था जब 30 मई को बीदर में हम एक ही फॉर्मेशन में हॉक एयरक्राफ्ट की उड़ान भरी।
वहीं बेटी अनन्या ने इस सफर के बारे में बताया कि जब मैं बच्ची थी, तब हमेशा पिता से पूछती थी कि महिला फाइटर पायलट क्यों नहीं हैं? वह अपने अंदाज में जवाब देते- चिंता मत करो, तुम बनोगी।
बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए पॉलिसी बदल गई है और अब तक IAF की फाइटर स्ट्रीम में 15 महिलाएं शामिल हो चुकी हैं। कुछ जांबाज महिलाएं मिग-21 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे सुपरसोनिक जेट भी उड़ा रही हैं। वहीं अभी अनन्या IAF की वह लड़ाकू क्षमता हासिल करने के लिए हथियारों को दागने सहित दूसरे प्रशिक्षण भी ले रही हैं और वह जनवरी में फाइटर स्क्वाड्रन में तैनात की जाएंगी।