Whatsapp फेक मैसेज पर नकेल कसने को तैयार FB, पर ठुकराई सरकार की यह मांग

Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Sep, 2019 04:08 PM

fb agrees to resolve whatsapp message but rejects govt demand

सरकार व्हाट्सएप पर भेजे जाने वाले मैसेज के स्रोत तक पहुंचने की मांग पर टिकी हुई है जबकि फेसबुक ने फेक मैसेज के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की शिकायत पर आगे की कार्रवाई की व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव किया है। दरअसल फेक मैसेज की शुरुआत

नई दिल्ली: सरकार व्हाट्सएप पर भेजे जाने वाले मैसेज के स्रोत तक पहुंचने की मांग पर टिकी हुई है जबकि फेसबुक ने फेक मैसेज के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की शिकायत पर आगे की कार्रवाई की व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव किया है। दरअसल फेक मैसेज की शुरुआत जहां से होती है सरकार उसकी पहचान जानना चाहती है और यह मुद्दा व्हाट्सएप के साथ विवाद का केंद्र बना हुआ है। फेसबुक की कंपनी व्हाट्सएप मैसेज डालने वाले मूल व्यक्ति की पहचान बताने की सरकार की मांग को मानने से इनकार कर रही है। उसका कहना है कि ऐसा करने से यूजर्स की गोपनीयता तथा शुरू से लेकर आखिर तक सारे मैसेज के इनक्रिप्शन की उसकी नीति प्रभावित होगी।

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एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि फेसबुक के उपाध्यक्ष (वैश्विक मामले एवं संवाद) निक क्लेग ने पिछले हफ्ते केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में क्लेग ने मैसेज के मूल स्रोत का पूरा सुराग देने के मुद्दे पर कुछ वैकल्पिक सुझाव दिए हैं। उन्होंने मेटा डेटा (पारिभाषिक डेटा) और मशीन इंटेलीजेंस के इस्तेमाल के साथ ही कानूनी एजेंसियों को व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक के लिंकेज का लाभ देने का विकल्प दिया। फेसबुक के प्रवक्ता ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि फेसबुक भारत में लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखती है। निक ने इस बैठक पर कहा कि हमें हमारे हर एप में सुरक्षा एवं गोपनीयता को लेकर हमारी प्रतिबद्धता पर बातचीत का अवसर मिला। हमें यह भी समझने को मिला कि हम इन साझा लक्ष्यों को पाने में भारत सरकार के साथ मिलकर किस तरह से काम कर सकते हैं।

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व्हाट्सएप से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि संदेशों के इनक्रिप्टेड होने की वजह से कंपनी भी इन्हें पढ़ नहीं सकती है। क्लेग ने गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ 12 सितंबर को मुलाकात की। उन्होंने दोहराया कि व्हाट्सएप भारत सरकार द्वारा सूचना की वैध मांग को मानने के लिए बाध्य है। हालांकि उन्होंने कहा कि आदान-प्रदान किए गए मैसेज को पढ़ पाना संभव नहीं है। क्लेग ने कहा कि कंपनी सिग्नल और मेटा डेटा प्रदान कर सकती है, यह बता सकती है कि किसे कॉल किया गया और कितनी देर बात की गई।

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