ऑफ द रिकॉर्डः कांग्रेस में भय, जम्मू-कश्मीर विधेयकों को पारित कराने पर अमित शाह पड़े भारी

Edited By Pardeep,Updated: 08 Aug, 2019 05:55 AM

fear in congress amit shah heavy on passing jammu and kashmir bills

गृहमंत्री अमित शाह संसद में जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 संबंधी विधेयक खत्म कराने में कामयाब हुए। राज्यसभा में अनुच्छेद 35 ए को खत्म करने, अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को 2 हिस्सों में बांटने के लिए हुए मतदान के दौरान अगर 42 सांसद गैर-हाजिर...

नेशनल डेस्कः गृहमंत्री अमित शाह संसद में जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 संबंधी विधेयक खत्म कराने में कामयाब हुए। राज्यसभा में अनुच्छेद 35 ए को खत्म करने, अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को 2 हिस्सों में बांटने के लिए हुए मतदान के दौरान अगर 42 सांसद गैर-हाजिर थे तो इन विधेयकों पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में एक नया रिकार्ड स्थापित हुआ जब मतदान के दौरान 102 सांसद गैर-हाजिर रहे। अगर भाजपा को राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त हुआ, तो मोदी-शाह टीम ने लोकसभा में 85 प्रतिशत मत प्राप्त कर एक रिकार्ड कायम किया। राज्यसभा में भाजपा को अपने बलबूते पर बहुमत प्राप्त नहीं है। 
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जम्मू-कश्मीर विधेयकों पर सदन में हुए मतदान के दौरान मौजूद 440 सांसदों में से 370 ने विधेयकों के पक्ष में मतदान किया। जद (यू) के 16 सदस्यों द्वारा सदन से वॉकआऊट करने के बावजूद ऐसा हुआ। भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात के लिए मनाने की बड़ी कोशिश की कि वह विधेयकों के खिलाफ न जाएं लेकिन जद (यू) नेता अपने स्टैंड पर अडिग रहे। वास्तव में शरद पवार की राकांपा भी लोकसभा में विधेयकों के पक्ष में वोट देने की इच्छुक थी लेकिन सुप्रिया सुले ने नम्रता से उनको बताया कि ऐसा न किया जाए क्योंकि राकांपा इस मुद्दे पर राज्यसभा से पहले ही वॉकआऊट कर चुकी है और दोहरा मापदंड सही संकेत नहीं देगा। 
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लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या 542 है मगर मतदान के दौरान केवल 440 सांसद ही मौजूद थे और 102 गैर-हाजिर थे। टी.एम.सी. के 22 सांसदों ने मतदान से दूर रहने का फैसला किया था। पी.डी.पी. के सदस्यों को सदन से पहले ही बाहर निकाल दिया गया था। आम आदमी पार्टी (आप) का एकमात्र सांसद भी मौजूद नहीं था। कांग्रेस के 52 सांसदों में से बहुत से सदन से गैर-हाजिर थे। अधिकांश क्षेत्रीय पार्टियों ने वोट देने में रुचि नहीं दिखाई मगर वाई.एस.आर. के 22, बहुजन समाज पार्टी के 10, बीजू जनता दल के 12, टी.डी.पी. के 3, टी.आर.एस. के 9, जे.डी.एस. का 1 और निर्दलीय 4 सांसदों ने बिल का खुल कर समर्थन किया। कांग्रेस, द्रमुक, सपा, वामदलों और कुछ मुस्लिम पार्टियों को छोड़कर कोई भी पार्टी जम्मू-कश्मीर विधेयकों के खिलाफ नहीं थी। 
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कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता के जम्मू-कश्मीर विधेयकों पर पार्टी के स्टैंड के खिलाफ रोष स्वरूप राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में भय का माहौल है। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के स्टैंड के खिलाफ खुल कर सामने आए हैं। मालूम हुआ है कि अनुच्छेद 370 पर पार्टी के स्टैंड पर चर्चा करने के लिए कल रात सी.डब्ल्यू.सी. की बैठक में सिंधिया और अन्य सदस्यों के बीच तीखी झड़प हुई। अब 9 अगस्त को पार्टी की एक बड़ी बैठक बुलाई गई है जहां बड़े संकट को टालने के लिए अनुच्छेद 370 पर पार्टी के स्टैंड पर विस्तार से चर्चा की जाएगी लेकिन संसद के इस सत्र में अमित शाह हर तरह से विपक्ष पर भारी पड़े तथा तीन तलाक और जम्मू-कश्मीर विधेयकों को पारित कराने में कामयाब रहे। 
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