Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Nov, 2020 04:34 PM
अगले साल जनवरी-फरवरी में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका जताते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों से कहा कि जांच में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाए। राज्य सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय से 11 नवंबर को जारी एक सर्कुलर में कहा गया...
नेशनल डेस्क: अगले साल जनवरी-फरवरी में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका जताते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों से कहा कि जांच में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाए। राज्य सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय से 11 नवंबर को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि अगले साल जनवरी-फरवरी में महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका है। इसमें कहा गया है कि यूरोप में जो हो रहा है उसके आधार पर दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। सर्कुलर में कहा गया है कि अक्तूबर से महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में कमी देखी गई है। इसमें कहा गया है कि वायरस की दूसरी लहर से कई देश प्रभावित हुए हैं खास तौर से यूरोप में।
सर्कुलर के अनुसार कोरोना वायरस की जांच में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए और सभी प्रयोगशालाए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के दिशा निर्देशों के अनुरूप काम करेंगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, प्रत्येक दस लाख लोगों पर 140 जांच होनी चाहिए। सरकार की ओर से जारी इस दस्तावेज में कहा गया है कि सभी जिलों में एवं नगर निगम के दायरे में covid-19 जांच के लिए प्रयोगशालायें होनी चाहिए। इसमें कहा गया कि यह समय की मांग है कि हम covid-19 के मरीजों एवं जिन लोगों को सांस लेने में समस्या है, उनके स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए पटाखा मुक्त दीपावली मनाएं। सर्कुलर में लोगों से अपील की गयी है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें एवं तनाव न लें। महाराष्ट्र में 12 नवंबर तक कोरोना वायरस संक्रमण के 17,36,329 मामले सामने आ चुके हैं और 45,682 की मौत हो चुकी है।