Edited By Monika Jamwal,Updated: 27 Apr, 2018 06:14 PM
दक्षिण कश्मीर के अस्थिर पुलवामा जिला में गत बुधवार को भाजपा के कार्यकर्ता की आतंकियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में मुख्यधारा राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच खौफ फैल गया है जिसके चलते अधिकांश कार्यकर्ता श्रीनगर में शरण ले...
श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के अस्थिर पुलवामा जिला में गत बुधवार को भाजपा के कार्यकर्ता की आतंकियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में मुख्यधारा राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच खौफ फैल गया है जिसके चलते अधिकांश कार्यकर्ता श्रीनगर में शरण ले रहे हैं। बता दें कि आतंकियों ने गुलाम नबी पटेल (65) की गोली मार कर हत्या कर दी। घटना के समय पटेल के साथ उसके दो अंगरक्षक मौजूद थे, जो घटना में घायल हो गए। घटना के कुछ घंटों बाद ही उसकी मौत को लेकर विघटन की राजनीति शुरु हो गई जिसके दौरान कश्मीर में निचले स्तर के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को झटका लग गया। उसकी मौत के बारे में खबर फैलने के कुछ ही मिनटों के बाद पी.डी.पी. और कांग्रेस दोनो पार्टियों ने उसको अस्वीकार कर दिया।
दक्षिण कश्मीर से श्रीनगर में शरण ले रहे कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि स्थानीय आतंकियों को हमारे बारे में सब कुछ पता है और हम झूठ नहीं बोल सकते या मान नहीं सकते कि वह अज्ञानी हैं। विडंबना यह है कि लोकप्रिय भावनाओं के खिलाफ जाने के बाद भी यदि हमारी हत्या की जाती है, राजनीतिक पार्टियां हमे अस्वीकार करती हैं। हमें एक या दो सुरक्षा गार्ड देकर हमें आतंकियों के क्रोध से नहीं बचाया जाएगा। दक्षिण कश्मीर से श्रीनगर की ओर आने वाले कार्यकर्ताओं की आम मांग शहर में आवास प्राप्त करना है। कार्यकत्र्ता ने कहा कि पिछले दो सालों में आतंकियों ने खासतौर से दक्षिण कश्मीर में कई मध्यम धावक नेताओं की हत्या कर दी है। हर हत्या के बाद सरकार हमें आश्वस्त करती है कि हमारी सुरक्षा को बढ़ा दिया जाएगा और हमें सुरक्षित स्थानों पर सरकारी आवास प्रदान किया जाएगा, लेकिन कुछ दिनों के बाद वायदा भूल जाते हैं।
पिछले वर्ष भी हुई थी हत्याएं
पिछले साल नवंबर में पुलवामा से सटे शोपियां जिला में आतंकियों द्वारा गला काटकर एक युवा भाजपा नेता की हत्या कर दी गई। इसी जिला में एक अन्य घटना में पूर्व सरपंच की हत्या की गई और बाद में आतंकियों के नेतृत्व में भीड़ ने उसके घर को आग के हवाले कर दिया। कई बार आतंकियों ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा उनके जीवन को बख्शने और खुद को भारत समर्थक राजनीतिक पार्टियों से दूर रहने का अनुरोध किए जाने के वीडियो जारी किए हैं। गत 15 मार्च को भाजपा कार्यकर्ता का निजी सुरक्षा अधिकारी उस समय घायल हो गया जब आतंकियों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके में गोलीबारी की। हालांकि, पुलिस ने बाद में घटना को सर्विस राइफल छीनने की नाकाम कोशिश करार दिया।