India-China Face-off: LAC पर चीन से तनाव के बीच किश्तवाड़ में उतरे फाइटर हेलिकॉप्टर अपाचे

Edited By Yaspal,Updated: 08 Sep, 2020 05:47 PM

fighter helicopter apache landed in kishtwar amid tension with china over lac

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)  पर चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच अब भारतीय सेना अपने उन हमला करने वाले वाहनों को अपग्रेड करने में जुटी हुई है, जो रात को काम नहीं कर सकते। अब इन वाहनों में नाइट विजन...

नई दिल्लीः लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)  पर चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच अब भारतीय सेना अपने उन हमला करने वाले वाहनों को अपग्रेड करने में जुटी हुई है, जो रात को काम नहीं कर सकते। अब इन वाहनों में नाइट विजन लगाया जाएगा, ताकि आधी रात को भी इनका इस्तेमाल किया जाए। वहीं, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भी फाइटर जेट उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। किश्तवाड़ में सोमवार को पहली बार लड़ाकू अपाचे हेलिकॉप्टर की लैडिंग कराई गई। इलाके के हेलीपैड पर दो अपाचे हेलिकॉप्टर उतारने के साथ ही पायलटों ने पूरे क्षेत्र का जायजा लिया।

दरअसल, भारत से चीन की दूरी लगभग 210 किलोमीटर की है। पाडर इलाका पार करते ही लद्दाख की सीमा शुरू हो जाती है। जजंस्कार इलाका पाडर के साथ लगता है। इसके अलावा कश्मीर संभाग के अनंतनाग जिले और हिमाचल प्रदेश की सीमा भी किश्तवाड़ जिले के साथ लगती है। ऐसे में यह क्षेत्र महत्वपूर्ण हो जाता है। यहां एक छोटे हेलीपैड का निर्माण भी होना है, जिसके लिए भूमि चिह्नित की गई है। उसका काम भी जल्द शुरू हो सकता है।

अपाचे हेलिकॉप्टर लगातार चार से पांच घंटे तक ऑपरेशन में शामिल हो सकता है। इसके जरिए करीब 14 मिसाइलों को एक साथ दागा जा सकता है। सितंबर, 2015 में भारतीय वायुसेना ने बोइंग और अमेरिकी सरकार के साथ 3 बिलियन डॉलर की डील की थी, जिसमें 22 अपाचे लड़ाकू विमान और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर लेने की डील हुई थी। चिनूक हेलिकॉप्टर की पहली खेप भी इसी साल भारतीय वायुसेना में शामिल हुए और हाल ही में अपाचे हेलिकॉप्टर की खेप भी वायुसेना के बेड़े में शामिल हुई है।

पैंगोंग में चीनी सेना के पीछे हटने से जिनपिंग नाराज़!
भारत-चीन के बीच लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना की बढ़त को लेकर चीन बौखलाया हुआ है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 29-30 अगस्त की रात लेक स्पांगूर के पास घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने इलाके की ऊंची चोटी पर भी दोबारा कब्जा जमा लिया, जिसकी खबर बीजिंग पहुंची तो हंगामा खड़ा हो गया। अब इस मामले में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीनी सेना और अधिकारियों से काफी नाराज हैं।

चीन ने कहा- अरुणाचल भारत का हिस्सा नहीं
उधर, अरुणाचल प्रदेश  में बॉर्डर से चीन की सेना (PLA) द्वारा पांच भारतीयों के अपहरण करने के मामले में चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह अरुणाचल को भारत का हिस्सा नहीं मानता। चीन ने स्पष्ट कहा कि वह अरुणाचल को हमेशा से ही चीन के दक्षिणी तिब्बत का इलाका मानता आया है। भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले से पांच लोगों के 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों द्वारा कथित तौर पर अपहरण किए जाने के मुद्दे को चीनी सेना के समक्ष उठाया था। जिसके बाद चीन की तरफ से ये बयान दिया गया है।

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