Edited By Seema Sharma,Updated: 09 May, 2018 10:37 AM
भारत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार अंडमान और निकोबार द्वीप पर फाइटर प्लेन तैनात करने की योजना बना रहा है। भारत मलक्का, सुंदा, लुम्बोक और ओम्बई वेतार जलडमरूमध्य के साथ हिंद महासागर के पश्चिमी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहता है जिसके लिए...
नई दिल्ली: भारत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार अंडमान और निकोबार द्वीप पर फाइटर प्लेन तैनात करने की योजना बना रहा है। भारत मलक्का, सुंदा, लुम्बोक और ओम्बई वेतार जलडमरूमध्य के साथ हिंद महासागर के पश्चिमी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहता है जिसके लिए उसने यह फैसला लिया। मलक्का, सुंदा और लुम्बोक जलडमरूमध्य संकरे समुद्री रास्ते हैं, ये हिंद महासागर को दक्षिणी चीन सागर से जोड़ते हैं। वहीं चीन भी हिंद महासागरीय क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाना चाहता है।
पिछले दिनों भी चीनी युद्धपोत, पनडुब्बी और परमाणु पनडुब्बी भारत के हिस्से वाले समुद्री क्षेत्र में देखे गए थे जिसकी फोटो भारतीय नौसेना ने ट्वीट कर मैसेज दिया था कि पड़ोसी देश की गतिविधियों पर हमारी नजर है। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दोनों देशों में शांति पर वार्ता हुई थी। मोदी-शी की मुलाकात के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने भी मीटिंग की थी।