Edited By Chandan,Updated: 27 Feb, 2020 11:02 AM
बॉलीवुड की तापसी अपनी अपकमिंग फिल्म ''थप्पड़'' को लेकर काफी चर्चा में है। ''मुल्क'' और ''आर्टिकल 15'' जैसी फिल्में बनाने वाले अनुभव सिन्हा फिर क्रांति के मूड में हैं और तापसी पन्नू अपनी अदाकारी की ताकत इस फिल्म में दिखाती नजर आ रही हैं...
नई दिल्ली। बॉलीवुड की तापसी अपनी अपकमिंग फिल्म 'थप्पड़' (Thappad) को लेकर काफी चर्चा में है। 'मुल्क' (Mulk) और 'आर्टिकल 15' (Article 15) जैसी फिल्में बनाने वाले अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) फिर क्रांति के मूड में हैं और तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) अपनी अदाकारी की ताकत इस फिल्म में दिखाती नजर आ रही हैं। फिल्म की कहानी एक खुद्दार महिला अमृता की है, जो शादीशुदा जिंदगी में बेहद खुश है। लेकिन एक पार्टी में पति विक्रम से अचानक मिला एक करारा थप्पड़ उसकी जिंदगी बदल देता है। विक्रम का किरदार पावेल गुलाटी (Pavail Gulati) निभा रहे हैं उनके साथ रत्ना पाठक शाह, तन्वी आजमी, दीया मिर्जा, राम कपूर और कुमुद मिश्रा जैसे सितारे भी नजर आएंगे। घरेलू हिंसा के खिलाफ संदेश देती ये फिल्म 28 फरवरी को रिलीज होगी। फिल्म प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंची तापसी ने पंजाब केसरी (Punjab Kesari)/ नवोदय टाइम्स (Navodaya Times)/ जगबाणी (Jagbani)/ हिंद समाचार (Hind Samachar) के साथ खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश...
सभी को अपनी-अपनी गलती सुधारनी होगी
इस फिल्म में एक सीन है, जहां लड़की अपने वकील से बात कर रही है और बोल रही है कि किस-किस की गलती है। गलती तो उसकी है, जो उसने मुझे मारने का हक समझा और मेरी भी जो मैंने खुद को ऐसा बना दिया कि वह मुझे थप्पड़ मार सकता है। गलती शायद उसकी मां की भी है कि उसने उसे नहीं सिखाया कि कैसे अपनी बीवी को रखना है और शायद गलती मेरी मां की भी है, जिन्होंने मुझे सिखाया कि औरतों को सहनशील होना चाहिए। बर्दाश्त करना आना चाहिए। कुल मिलाकर गलती हम सभी की है और हम सभी को अपनी-अपनी गलती सुधारनी होगी।
एक थप्पड़ के लिए इतना कुछ करना कहां तक सही
जिन लोगों को लगता है कि एक थप्पड़ के लिए क्या फिल्म बनाना सही था? उनके लिए मैं इतना ही कहना चाहूंगी जब आप फिल्म खत्म करेंगे तो आपको ऐसा बिल्कुल नहीं लगेगा। और देखिए मतभेद होने को तो डायरैक्टर के ऑफिस में तक लोगों को लगता था कि शायद एक थप्पड़ के लिए तलाक लेना सही नहीं है तो ऐसे लोगों को मैं बोलूंगी कि आप समाज में बदलाव नहीं चाहते।
एक थप्पड़ के लिए लेने पड़े 7 टेक
हां मैंने इस फिल्म के लिए 7 टेक लिए हैं, यह मेरा पिछले कुछ साल में सबसे ज्यादा मुश्किल टेक में से एक था। मेरे से ज्यादा थप्पड़ मारने वाला सीन करना पवेल गुलाटी (अभिनेता) के लिए मुश्किल था, क्योंकि उसे मुझे थप्पड़ मारना था वह मेरी तुलना में इंडस्ट्री में नया है इसलिए ये सीन करने में उसे काफी दिक्कत आई। वह मुझे थप्पड़ मारने में असहज महसूस कर रहा था।
जो चीजें छिपाई जाती हैं हम उन्हें सामने लेकर आए
देखिए थप्पड़ फिल्म के जरिए हमने समाज की उन धारणाओं को सामने लाकर रखा है जिसे लोग छिपाना चाहते हैं या फिर किसी को बताना नहीं चाहते। लोग कहते हैं कि यह एक कपल के बीच की बातें हैं लेकिन ऐसा नहीं है अब हम इसको बाहर लेकर आए हैं आप इसके दोनों पक्षों को देखकर खुद तय करें कि क्या सही है और क्या गलत?
मैं किसी फिल्म को मना नहीं कर सकती
तापसी कहती हैं कि मैंने बहुत स्ट्रगल देखा है, इसलिए मैं कोई फिल्म नहीं छोडऩा चाहती। वह कहती हैं कि जब आपको इसलिए रिजैक्शन मिला हो कि आप किसी हीरो की पसंदीदा नहीं हैं या फिर डायरैक्टर आपसे खुश नहीं और इस वजह से आपसे फिल्म छीन ली गई हो तो आप कोई फिल्म नहीं छोडऩा चाहते मैं भी वही कर रही हूं।
पापी से नहीं पाप से घृणा करो
मैं मानती हूं लोगों को पापी से नहीं पाप से घृणा करनी चाहिए, इसलिए मेरे नजरिए की वजह से मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई है। जब आप इस बात को ध्यान में रखकर आप अपनी बात रखते हैं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होती। वैसे मेरा इरादा किसी व्यक्ति को नीचा दिखाना नहीं बल्कि गलत को गलत बोलना है।