क्या एटीएम में कम ​हो रहे 2,000 रुपए के नोट? वित्त मंत्री ने दिया यह जवाब

Edited By vasudha,Updated: 28 Feb, 2020 10:25 AM

finance minister gave this answer regarding the notes of 2 000 rupees

ए.टी.एम. से कम हो रहे 2,000 रुपए के नोटों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की ओर से 2,000 रुपए के नोटों के सर्कुलेशन को रोकने का आदेश बैंकों को नहीं दिया गया है

नेशनल डेस्क: ए.टी.एम. से कम हो रहे 2,000 रुपए के नोटों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की ओर से 2,000 रुपए के नोटों के सर्कुलेशन को रोकने का आदेश बैंकों को नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे पता है, ऐसा कोई भी आदेश बैंकों को नहीं दिया गया है। देश भर के ए.टी.एम. में 2,000 रुपए के नोटों के रैक को हटाने की खबरों के बीच वित्त मंत्री की यह अहम टिप्पणी आई है। एक रिपोर्ट में देश के करीब 2 लाख 40 हजार ए.टी.एम. से 2,000 रुपए के नोटों को वापस लिए जाने की बात कही गई थी। यही नहीं सरकारी क्षेत्र के इंडियन बैंक ने पिछले दिनों आधिकारिक तौर पर आदेश जारी कर देश भर के अपने 3,000 ए.टी.एम. से 2,000 रुपए के नोटों को वापस लेने का आदेश दिया था।

 

बैंक का कहना है कि 2,000 रुपए के नोटों के खुल्ले कराने के लिए लोग शाखाओं में आते हैं और इसके चलते भीड़ लग जाती है। यही नहीं एक बड़े सरकारी बैंक के सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि शीर्ष मैनेजमैंट ने 2,000 रुपए के नोटों का सर्कुलेशन रोकने को कहा है। बैंक अधिकारियों को जारी आंतरिक आदेश में कहा गया था कि ग्राहकों से 2,000 रुपए के नोट जमा किए जा सकते हैं, लेकिन देने नहीं हैं ।हालांकि अब तक 2,000 रुपए के नोटों को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। गौरतलब है कि केन्द्र 8 नवम्बर, 2016 को पी.एम. नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों पर रोक लगाने का ऐलान किया था। उसके बाद 2,000 और 500 रुपए के नए नोट जारी किए गए थे। सीतारमण ने कहा कि सी.ए.ए. (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों तथा दिल्ली में हुई हालिया ङ्क्षहसा का निवेशकों की धारणा पर कोई असर नहीं पड़ा है। सऊदी अरब की उनकी हाल की यात्रा के दौरान निवेशकों ने भारत में निवेश करने की इच्छा जाहिर की।

 

मॉल और रेलवे स्टेशन पर खोले जाएंगे बैंक आऊटलैट
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों में सुधार के तीसरे संस्करण ‘ईज 3.0’ को लांच किया। इसके तहत आने वाले दिनों में डिजीटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बैंकों के आऊटलैट मॉल, रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर खोले जाएंगे। सरकार की तैयारी ईज 3.0 के जरिए अगले वित्त वर्ष में सिर्फ  एक फोन कॉल के जरिए उपभोक्ता को पंजीकृत कराकर बैंक लोन मुहैया कराने की है। सरकार का मानना है कि जब लोगों की ज्यादातर जानकारियां सरकारी प्रणाली में पहले से ही मौजूद हैं तो फिर उन्हें उन्हीं कागजातों के सत्यापन प्रक्रिया से गुजरने के लिए लंबा समय न लगे। सरकारी बैंकों ने आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस और डाटा एनालिटिक्स के जरिए जो नया सिस्टम तैयार किया है उसमें तमाम मुश्किलों को दूर कर घर-घर पहुंचकर कर्ज देने का काम हुआ करेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की मंशा बैंक के अधिकारियों के ऊपर बेवजह कार्रवाई करने की नहीं है बल्कि वह चाहती है कि जनता का पैसा बैंकों में वापस आए। इसके लिए जो भी कार्रवाई करनी पड़ेगी उसे किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि हम चाहते हैं कि देश के सुदूर इलाकों में सरकारी बैंकों की शाखाओं में कम से कम एक स्टाफ  सदस्य स्थानीय भाषा में ग्राहकों से बातचीत करने के लिए होना चाहिए।

 

कर्ज के औसत समय में आई कमी 
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की तरफ से बताया गया है कि करीब 21 महीने में सरकारी बैंकों में मार्कीटिंग करने वाले कर्मचारियों की संख्या 8920 से बढ़ाकर 17,617 कर दी गई है। यही नहीं, कर्ज देने के लिए औसत समय में भी 67 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। पहले जहां 30 दिन में कर्ज मिला करता था अब ये औसतन 10 दिन में मिल जाया करता है। साथ ही बैंकों ने यह भी दावा किया है कि शिकायतों के निपटाने के समय में भी 33 प्रतिशत की कमी आई है। पहले औसतन 9 दिन में शिकायतें सुलझाई जाती थीं जो अब 6 दिन में निपटा दी जाती हैं।
 

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