कोरोना वायरस ‘लॉकडाउन' के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को उबारने और उसे पटरी पर लाने के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की तीसरी किस्त का वित्त मंत्री निर्मला सीतामण ब्योरा दे रही हैं। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आज कृषि-पशुपालन पर लेकर घोषणा होगी...
बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस ‘लॉकडाउन' के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को उबारने और उसे पटरी पर लाने के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की तीसरी किस्त का वित्त मंत्री निर्मला सीतामण ने आज ब्योरा पेश किया। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि व इससे संबद्ध क्षेत्रों को राहत देने पर ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो महीनों में किसानों की मदद करने के लिये कई उपाय किये गये हैं। इनमें लॉकडाउन के दो महीनों के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 74,300 करोड़ रुपये की खरीद भी शामिल है। जानें कृषि क्षेत्र के लिए क्या हुए बड़े ऐलान :-

ये हैं बड़े ऐलान
- कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ की मदद की घोषणा।
- फसल बीमा के तहत 2400 करोड़ का ऐलान।
- बिहार में मखाना, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र में मिर्च से जुड़े बनाए जाएंगे क्लस्टर
- हर राज्य के लोकल उत्पादों को ग्लोबल बनाने के लिए मदद की जाएगी।

मछली और मधुमक्खी पालन के लिए भी बड़े ऐलान
- मछली पालन के लिए 11 हजार करोड़ रुपए औऱ इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 9 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान
- एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डिलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का किया गया प्रावधान।
- हर्बल खेती के लिए 4000 करोड़ का ऐलान।
- मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ का ऐलान, 2 लाख पालकों को होगा फायदा।

सरकार ने किसानों का रखा ध्यान
- पिछले छह साल से किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।
- देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 6,000 रुपये का लाभ मिल रहा है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को बाढ़, सूखे के समय उनके नुकसान की भरपाई हो रही है।
- कोरोना काल में 18,700 करोड़ रुपए किसानों को ट्रांसफर किए गए हैं।

किसानों के लिए कई बदलाव
- जरूरी सामान सप्लाई कानून में बदलाव, करोड़ों किसानों की बढ़ेगी आमदनी।
- सब्जी उत्पादकों को भंडारन और माल भाड़े में 50 फीसदी की छूट।
इससे पहले सीतारमण ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान सहकारी समितियों द्वारा प्रतिदिन 360 लाख लीटर दूध की बिक्री के साथ 560 लाख लीटर प्रति दिन दूध की खरीद की गयी। कुल 111 करोड़ लीटर की अतिरिक्त खरीद की गयी, जिसके लिये 4,100 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया गया। इसके लिये डेयरी सहकारी समितियों को दो प्रतिशत ब्याज सहायता काी योजना क्रियान्वयन में लाई गई। ब्याज सहायता से दो करोड़ किसान लाभान्वित होंगे और इससे बाजार में 5,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी पहुंचेगी।
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