Edited By vasudha,Updated: 10 May, 2021 09:01 AM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड टीका, दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) हटाने को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इसके हटने से ये जीवन रक्षक दवायें और सामान खरीदारों के लिये महंगे हो जायेंगे।इसका कारण बताते हुए उन्होंने...
नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड टीका, दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) हटाने को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इसके हटने से ये जीवन रक्षक दवायें और सामान खरीदारों के लिये महंगे हो जायेंगे।इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी हटने पर इनके विनिर्माताओं को उत्पादन में प्रयोग किए गए कच्चे/मध्यवर्ती माल व सामग्री पर चुकाये गये कर के लिए इनपुट-टैक्स-क्रेडिट का लाभ नहीं मिल पायेगा।
ममता और सोनिया ने उठाई थी यह मांग
दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली सभी दवाओं, उपकरणों और अन्य साधनों को जीएसटी से छूट देने की मांग उठाई थी। कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इसी तरह की मांग की थी। सीतारमण ने ट्वीट में जवाब देते हुये कहा कि यदि टीके पर पूरे पांच प्रतिशत की छूट दे दी जाती है तो टीका विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिये गये कर के लिए इनपुट कर क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा और वह पूरी लागत को ग्राहकों, नागरिकों से वसूलेंगे।
जीएसटी से छूट देने से उपभोक्ताओं को नुकसान: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगने से विनिर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ मिलता है और यदि आईटीसी अधिक होता है तो वह रिफंड का दावा कर सकते हैं। इसलिये टीका विनिर्माताओं को जीएसटी से छूट दिये जाने का उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।’सीतारमण ने जो भी ट्वीट किये उनमें से 16 ट्वीट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे ममता बनर्जी के पत्र के जवाब में किये गये थे।
सीतारमण ने विस्तार से दी जानकारी
सीतारमण ने कहा कि यदि एकीकृत जीएसटी (आईजीएसीटी) के रूप में किसी सामान पर 100 रुपये की प्राप्ति होती है तो इसमें से केन्द्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के तौर आधी- आधी रकम दोनों के खाते में जाती है इसके अलावा केंद्र को केन्द्रीय जीएसटी के तौर पर मिलने वाली राशि में से 41 प्रतिशत हिस्सा भी दिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक 100 रुपये में से 70.50 रुपये की राशि राज्यों का हिस्सा होता है।
ममता ने पीएम को लिखा था खत
सीतारमण ने आगे कहा कि वास्तव में पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी टीका बनाने वाली कंपनियों और लोगों के हित में है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिन में एक पत्र प्रधानमंत्री को लिखा जिसमें उन्होंने विभिन्न संगठनों और एजेंवसियों से दान स्वरूप मिलने वाले आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, सिलेंडर, क्रायोजिनिक स्टोरेज टेंक और कोविड संबंधी दवाओं को जीएसटी और सीमा शुल्क से छूट दिये जाने की मांग की है।
पहले ही दी चुकी है छूट: वित्त मंत्री
सीतारमण ने ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब देते हुये कहा कि इस तरह के सामानों को पहले ही सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर से छूट दी जा चुकी है। इसके साथ ही देश में मुफ्त वितरण के लिये भारतीय रेड क्रास द्वारा आयात की जाने वाली कोविड राहत सामग्री को एकीकृत जीएसटी से भी छूट दी गई है। इसके अलावा किसी भी कंपनी, राज्य सरकार, राहत एजेंसी अथवा स्वतंत्र निकाय के द्वारा राज्य सरकार से प्राप्त प्रमाणपत्र के आधार पर देश में मुफ्त वितरण के लिये बिना लागत आयात की जाने वाली कोविड सामग्री पर भी आईजीएसटी से छूट दी जा चुकी है।