Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Jul, 2019 03:58 PM
लोकसभा में बजट चर्चा पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सार्वजनिक व्यय से समझौता किए बिना राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है।
नई दिल्लीः लोकसभा में बजट चर्चा पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सार्वजनिक व्यय से समझौता किए बिना राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2019-20 का बजट राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 3.3 प्रतिशत बनाए रखते हुए कृषि और सामाजिक क्षेत्र में, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य में पर्याप्त निवेश बढ़ाने की इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि यह बजट कृषि और सामाजिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। सीतारमण ने कहा कि मैं आश्वस्त करती हूं कि कहीं कटौती नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि खर्च बढ़ा है और आय में भी वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की प्रगति राष्ट्रीय सुरक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण है।
सीतारमण ने लोकसभा में कहा
- रक्षा, पेंशन और वेतन, राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सरकारी प्रतिष्ठानों जैसे मदों में व्यय के लिए बजट अनुमान पर्याप्त और यथार्थपूर्ण है। यह बजट इस नवनिर्वाचित सरकार की बड़ी तस्वीर पेश करता है जिसे देश की जनता ने मजबूत जनादेश दिया है। इसके परिणामस्वरूप सामने आई यह बड़ी तस्वीर आपको बताती है कि हम अगले 10 साल में क्या करना चाहते हैं।
- हमने पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए हमने निवेश, अधिक रोजगारों, भारत में व्यापक विनिर्माण और इस क्षेत्र में भारत को केंद्र बनाने के लिए प्रभावी तरीके से बेहतर प्रणाली लाने की बात की है।
- सरकार ने पूरी तरह स्पष्ट किया है कि उसका इरादा बुनियादी संरचना के विकास को गति देना है और इसके लिए अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का इरादा है।