जन आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना ही सुशासन की प्रथम शर्त : वेंकैया नायडू

Edited By shukdev,Updated: 25 Dec, 2018 11:08 PM

first condition of good governance to meet aspirations venkaiah naidu

सुशासन दिवस के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि गरीबों के नाम पर भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध है तथा भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कीमत गरीब चुकाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जन...

नई दिल्ली: सुशासन दिवस के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि गरीबों के नाम पर भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध है तथा भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कीमत गरीब चुकाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जन आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना ही सुशासन की प्रथम शर्त है।

वाजपेयी की जन्म जयंती ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वाजपेयी ने चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में देश को सुशासन प्रदान किया। नायडू ने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वाजपेयी की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि संसद चर्चा एवं परिचर्चा का स्थान है और इस बारे में हाल में जो चलन सामने आया है, वह ठीक नहीं है।

उन्होंने इस संदर्भ में परमाणु परीक्षण के बाद देश पर लगे प्रतिबंधों, 1990 के दशक के अंत में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में आर्थिक मंदी तथा सीमापार आतंकवाद के तत्कालीन परिपेक्ष्य में वाजपेयी जी द्वारा उठाए गए सुधार कार्यक्रमों और परियोजनाओं का जिक्र किया । सुशासन के संदर्भ में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार की सबसे अधिक कीमत गरीब को चुकानी पड़ती है। अधिकांश भ्रष्टाचार गरीबों के नाम पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना, विकास को सर्वस्पर्शी और समन्वयवादी बनाना ही सुशासन की कसौटी है।

विमुद्रीकरण को कालेधन के विरूद्ध एक निर्भीक कदम बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए आवश्यक है कि उसको समर्थन करने वाला कालेधन का अर्थतंत्र समाप्त किया जाय। सुशासन के संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने सरकार द्वारा आधारभूत संरचना के विकास तथा सामाजिक सशक्तिकरण के लिए लागू की गई परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने जिस संपर्क क्रांति की शुरूआत की थी - सरकार ने उसी श्रृंखला में भारत माला, सागरमाला और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी परियोजनाओं को लागू किया है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सुशासन के आर्थिक और सामाजिक आयाम होते हैं। आर्थिक विकास का सामाजिक संदर्भ होना स्वाभाविक भी है और आवश्यक भी। उन्होंने वाजपेयी की सरकार एवं संगठन से जुड़े अनुभव भी साझा किया। 

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