Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Sep, 2019 11:51 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार सुबह 8.50 पर विक्रम लैंडर को विपरित कक्षा में डाला। सोमवार को चंद्रयान-2 से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर करीब 20 घंटे से अपने ऑर्बिटर की कक्षा में ही चक्कर लगा रहा था
नेशनल डेस्कः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार सुबह 8.50 पर विक्रम लैंडर को विपरित कक्षा में डाला। सोमवार को चंद्रयान-2 से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर करीब 20 घंटे से अपने ऑर्बिटर की कक्षा में ही चक्कर लगा रहा था, अब विक्रम ऑर्बिटर से उल्टी दिशा में जाएगा, इसे ही डिऑर्बिट कहते हैं। इसरो के मुताबिक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से पहले तक विक्रम लैंडर करीब 2 किमी प्रति सेकंड की गति से चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। बता दें कि इससे पहले विक्रम सोमवार को सफलतापूर्वकचंद्रयान-2 से अलग हुआ था।
विक्रम लैंडर अगले करीब 31 घंटे तक चांद के 104 किमी की एपोजी और 128 किमी की पेरीजी में चक्कर लगाएगा और इसके बाद, 4 सितंबर की शाम को इसरो करीब 4 बजे के आसपास इसकी कक्षा को दोबारा बदलेगा, तब यह 36 किमी की एपोजी और 110 किमी की पेरीजी में चांद का चक्कर लगाना शुरू करेगा, 4 सितंबर को ही विक्रम लैंडर चांद के सबसे नजदीक होगा। इसके बाद 7 सिंतबर को चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।