कश्मीर में पाबंदियों पर SC की टिप्पणी मोदी सरकार के लिए 2020 का पहला बड़ा झटका: कांग्रेस

Edited By Yaspal,Updated: 10 Jan, 2020 06:25 PM

first major setback of 2020 for modi government congress

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी से जुड़ी उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी को मोदी सरकार के लिए वर्ष 2020 का पहला बड़ा झटका करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्मरण कराया गया है कि देश उनके

नई दिल्लीः कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी से जुड़ी उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी को मोदी सरकार के लिए वर्ष 2020 का पहला बड़ा झटका करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्मरण कराया गया है कि देश उनके सामने नहीं, संविधान के समक्ष झुकता है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार की गैरकानूनी गतिविधियों को यह कहते हुए पहला बड़ा झटका दिया कि इंटरनेट की आजादी एक मौलिक अधिकार है।'' उन्होंने दावा किया, ''मोदी-शाह के लिए दोहरा झटका है कि विरोध को धारा 144 लगाकर नहीं दबाया जा सकता। उन्होंने कहा कि मोदी जी को याद दिलाया गया है कि राष्ट्र उनके सामने नहीं, संविधान के सामने झुकता है।''
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सिब्बल ने कहा कि दुनिया में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा पाबंदी भारत में लगायी जाती है। इंटरनेट पर रोक लगाने का आडर्र जब पारित होता है तो उसमें समय सीमा लिखी रहती है और ऐसा अंकित नहीं होने पर ऑर्डर गलत माना जाता है। आवश्यक सेवाओं के लिए इंटरनेट पर पाबंदी नहीं लगायी जा सकती। इसमें बड़ी बात यह है कि इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने की स्थिति में उसकी हर सप्ताह समीक्षा की जाती है। समीक्षा का यह साप्ताहिक क्रम तब तक चलता है जब तक संसद इसको लेकर कोई कानून नहीं लाती।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिना कारण बताए सरकार निषेधाज्ञा लागू नहीं कर सकती लेकिन उसने मनमानी की और जम्मू कश्मीर में यह धारा लगायी। इसके साथ ही वहां इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगाया। यह सत्ता का दुरुपयोग था और उच्चतम न्यायालय ने यही कहा है कि पूरे राज्य में धारा 144 नहीं लगाई जा सकती। इसे जरूरत के हिसाब से लगाया जाता है और इसे लागू करने का कारण इसके आडर्र में दिया जाता है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि वह जनता की आवाज नहीं सुनते हैं। उन्हें जनता की आवाज अवश्य सुननी चाहिए क्योंकि जो शासन जनता की आवाज सुनता वह हमेशा सफल रहता है। आपको जनता ने चुना है इसलिए सरकार को राजा महाराजाओं की तरह नहीं बल्कि जन प्रतिनिधि के रूप में फैसले लेने होते हैं। 

 

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