Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jun, 2019 11:16 AM
आठ दिन पहले लापता हुए वायुसेना के एएन-32 विमान का मलबा मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों वाले पर्वतीय क्षेत्र से मिला। वायुसेना ने एक बयान में कहा कि खोज अभियान में जुटे वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने आज (मंगलवार) टाटो के उत्तरपूर्व और लिपो
नई दिल्ली: आठ दिन पहले लापता हुए वायुसेना के एएन-32 विमान का मलबा मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों वाले पर्वतीय क्षेत्र से मिला। वायुसेना ने एक बयान में कहा कि खोज अभियान में जुटे वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने आज (मंगलवार) टाटो के उत्तरपूर्व और लिपो के उत्तर में 16 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर विमान के मलबे का पता लगाया। यह विमान असम के जोरहाट से उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था और इसमें 13 लोग सवार थे। विमान में सवार लोगों के जीवित होने की कम संभावनाओं की चिंता के बीच, वायुसेना ने कहा कि विमान में सवार लोगों के बारे में पता करने के प्रयास जारी हैं। बुधवार को बचाव दल यहां पहुंचेगा और विमान में सवार लोगों के बारे में जानकारी जुटाएगा।
एएन-32 के साथ हादसे
- भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान सबसे पहले 25 मार्च 1986 को लापता हुआ था। अरब सागर के ऊपर से उड़ान भर रहा था। उसमें सात लोग सवार थे, जिनका कोई पता नहीं लगा।
- 1990 में दूसरी दफा एक और एएन-32 विमान हादसे का शिकार हो गया। इस बार दुर्घटना केरल के पोनमुड़ी पर्वत के ऊपर हुई, जब विमान तिरुवनंतपुरम जा रहा था।
- 01 जून 2009 को अरुणाचल प्रदेश में एक और एएन-32 विमान गिर गया, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि हाल में ही इन विमानों को अपग्रेड किया गया था।
- 22 जुलाई 2016 को चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहा एएन-32 विमान लापता हो गया था। इसपर 29 लोग सवार थे। काफी तलाश के बावजूद पता न लगने पर खोज अभियान रोक दिया गया और सभी लोगों को मृत मान लिया गया।
एएन-32 विमान की विशेषताएं
- रूस में बना एएन-32 विमान 198० में भारतीय वायुसेना में शामिल।
- भारतीय वायुसेना 105 एएन-32 विमानों को संचालित करती है, जो ऊंचे क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों को लैस करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
- 2009 में भारत ने इस विमान की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड और एक्सटेंड करने के लिए 400 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट यूक्रेन के साथ किया था।
- इस विमान में 2 कॉन्टेमपररी इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर्स शामिल किए गए, लेकिन एएन-32 को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था।
- दुनियाभर में ऐसे करीब 250 विमान सेवा में हैं। इस विमान को नागरिक और सैनिक दोनों हिसाब से डिजाइन किया गया है।
- एएन-32 में दो इंजन होते हैं और ये हर तरह के मौसम में उड़ान भर सकता है। इसका इस्तेमाल हर तरह के मैदानी, पहाड़ी और समुद्री इलाकों में किया जाता रहा है।
- इस विमान की क्षमता क्रू सहित करीब 50 लोग या 7.5 टन पैसेंजर ले जाने की है। 530 किमी प्रतिघंटे से उड़ान भरने वाले इस विमान का रेंज 2500 किलोमीटर तक है।
- ये विमान ईंधन भरे जाने के चार घंटे तक उड़ान भर सकता है। एएन-32 न केवल आधुनिक साजो-समान से लैस है, बल्कि ये नए संचार सिस्टम, बेहतर लैडिंग व्यवस्था जैसे सिस्टम से भी लोडेड है।