मणिपुर में कांग्रेस के पांच पूर्व विधायकों ने थामा भाजपा का दामन

Edited By Yaspal,Updated: 19 Aug, 2020 06:45 PM

five former congress mlas joined bjp in manipur

मणिपुर विधानसभा में पिछले दिनों पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहकर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा नीत एन बीरेन सिंह सरकार की जीत आसान करने वाले कांग्रेस के आठ में से पांच विधायकों ने आज यहां भगवा झंडा थाम लिया। मुख्यमंत्री...

नई दिल्लीः मणिपुर विधानसभा में पिछले दिनों पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहकर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा नीत एन बीरेन सिंह सरकार की जीत आसान करने वाले कांग्रेस के आठ में से पांच विधायकों ने आज यहां भगवा झंडा थाम लिया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, पार्टी महासचिव राम माधव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैजयंत जय पांडा की उपस्थिति में पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सभी पांचों पूर्व विधायकों ने बुधवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

इस अवसर पर माधव ने कांग्रेस पर बीरेन सिंह सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि अब उनकी सरकार स्थिर है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने मणिपुर में बीरेन सिंह की सरकार गिराने के तमाम प्रयास किए। यहां तक कि हमारे विधायकों को प्रलोभन तक दिया गया और षडयंत्र रचा गया। दरअसल, कांग्रेस जो आरोप राजस्थान और मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर हमारे ऊपर लगा रही थी, वही काम वह मणिपुर में कर रही थी।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तमाम प्रयास विफल हुए। बीरेन सिंह सरकार विधानसभा में खुद विश्वास मत लेकर आई और जीत हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘ये सरकार स्थायी रूप से चलेगी। डेढ़ साल का बचा कार्यकाल तो पूरा करेगी ही साढ़े छह साल हमारी सरकार चलेगी। हम अगला चुनाव जीतेंगे और फिर से सरकार में आएंगे।''

माधव ने दावा किया कि कांग्रेस के षडयंत्रों से राज्य के कांग्रेस विधायकों में असंतोष था। इसी का परिणाम है कि उसके विधायक भाजपा में आ रहे हैं। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मंगलवार को सिंह पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विधानसभा के एक दिवसीय सत्र से दूर रहने वाले छह विधायकों के साथ पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। इन विधायकों ने कांग्रेस के साथ-साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।

भाजपा-नीत सरकार ने राज्य विधानसभा में 16 के मुकाबले 28 वोट से विश्वास मत जीता था। कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था। बीरेन सिंह की जीत लगभग तय मानी जा रही थी लेकिन कांग्रेस के आठ विधायकों के अनुपस्थित रहने से उनका रास्ता और आसान हो गया। मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा है।

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