Edited By shukdev,Updated: 02 Aug, 2019 11:16 PM
आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले छह में से पांच कश्मीरी युवकों का सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी में शामिल होने का रिकॉर्ड रहा है। सेना ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा, ‘हमने कश्मीर...
श्रीनगर: आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले छह में से पांच कश्मीरी युवकों का सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी में शामिल होने का रिकॉर्ड रहा है। सेना ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा, ‘हमने कश्मीर में घुसपैठ पर आंकड़ों का गहन विश्लेषण किया है। कश्मीरी माताओं से मेरा अनुरोध है कि वे ध्यानपूर्व सुनें क्योंकि 83 प्रतिशत स्थानीय आतंकवादी किसी समय पत्थरबाजी में शामिल थे। इसलिए अगर आज आपका बेटा 500 रुपए के लिए सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी कर रहा है तो वह कल का आतंकवादी है।'
उन्होंने कहा कि जिसने भी हथियार उठाया है उसका जीवन बहुत कम समय का रहा है क्योंकि उनमें 64 फीसदी ऐसा करने के एक साल के भीतर मारे जाते हैं। सेना अधिकारी ने कहा,‘सात फीसदी आतंकवादी 10 दिन के भीतर, नौ फीसदी एक महीने के भीतर, 17 फीसदी तीन महीने के भीतर, 36 फीसदी छह महीने के भीतर और 64 फीसदी एक साल के भीतर मारे जाते हैं। अगर माता-पिता अपने बेटों को पत्थरबाजी से नहीं रोक पाते हैं तो इस बात की संभावना अधिक है कि वह हथियार उठाने के एक साल के भीतर मारा जाए।'