धर्मस्थल और फूल मंडी बन्द होने से कर्ज में डूबे फूल उत्पादक किसान

Edited By Monika Jamwal,Updated: 05 May, 2020 08:43 PM

flower farmers facing loss

बॉर्डर वेल्फेयर ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन व सामाजिक कार्यकर्ता अविनाश चौधरी ने आज विजयपुर के छन्नी मन्हासाँ का दौरा कर खेतों में खराब हो रही फूलों की फसल का जायजा लिया व प्रभावित किसानों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया।

साम्बा (संजीव): बॉर्डर वेल्फेयर ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन व सामाजिक कार्यकर्ता अविनाश चौधरी ने आज विजयपुर के छन्नी मन्हासाँ का दौरा कर खेतों में खराब हो रही फूलों की फसल का जायजा लिया व प्रभावित किसानों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया। चौधरी ने केंद्र की मोदी सरकार व जेएंडके के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू का ध्यान फूल उत्पादक किसानों की और दिलाते हुए सभी प्रभावित किसानों को जल्द उचित मुआवजा मुहैया करवाने की मांग की। अविनाश ने कहा कि लॉक डाउन में धार्मिक स्थलों के कपाट बंद होने वर फूल मंडी के बंद होने के कारण फूल उत्पादक किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर गया है। और वो कर्ज में डूब गए है। किसानों ने कर्ज को लेकर फसल लगाई थी और जब फूल तैयार हो गए तो देशव्यापी लोक डॉउन हों गया। सरकार का फ्लोरी कल्चर विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारियों को हिदायत दे के फूलों की फसल के नुकसान का अलांकान कर रिपोर्ट जिला प्रशासन व सरकार को दे।

 

फूल उत्पादक किसानों को लॉक डॉउन के चलते भारी नुकसान हुआ है। सरकार सभी प्रभावित किसानों को जल्द उचित मुआवजा मुहैया करवाए। लॉक डॉउन के बीच धार्मिक स्थलों, मंदिरों, फूल मंडी व दुकानों तक नहीं पहुंच पाने से खेतो में ही फूल मुरझाकर नस्ट होने लगे है। लॉक डॉउन में फूल उत्पादक किसानों के चेहरे भी मुरझा गए है। लॉक डॉउन में फूल उत्पादक किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। किसानों ने कर्ज लेकर फूलों कि खेती की थी और जब फूल बिकेंगे तो वो कर्ज को चुकता करेंगे और मुनाफे से अपने परिवार का पालन पोषण करेंगे। जिला सांबा के सीमावर्ती गांव करालियां के किसान रविन्द्र कुमार भुट्टो ने बताया कि उन्होंने विजयपुर के छनी मंहसा में ठेके पर 50 कनाल जमीन लेकर गेंदे के फूल और अन्य किस्म के फूल बैंक से केसीसी पर कर्ज लेकर व अन्य कर्ज लेकर लगाए थे। कड़ी मेहनत के बाद जब फूल तैयार हुए तो करोना महामारी के चलते देशव्यापी लॉक डॉउन होगया। नवरात्रों में भी धार्मिक स्थलों व मंदिरों के कपाट बंद रहे। जिले के अलग अलग गावों में पैदा होने वाले अधिकतर फूल मंदिरों में सप्लाई होते थे। मंदिर के बंद होने व शादी व अन्य समारोह सादे ढंग से होने से फूलों कि बिक्री बंद हो गई।

 

प्रभावित किसान रविन्द्र कुमार ने बताया कि फूल खेतो में बर्बाद हो रहे है व किसान फूलों कि खेती की बुआई करने को मजबुर है। 50 में से 15 कनाल फूलों की बुआई कर अब वहां भिंडी की सब्जी की फसल लगाई है। अगर सरकार ने प्रभावित किसानों की और ध्यान ना दिया तो किसान फूलों की खेती करना छोड़ देंगे। प्रभु के चरणों में अर्पित होने वाले फूल खेतो में ही मुरझाकर बर्बाद हो रहे है। वहीं किसान दर्शन लाल, रामपाल, गोपाल शर्मा, शिवराम, अर्जुन सिंह ने बताया कि जिले सीमावर्ती इलाकों के सैकड़ों किसान फूलों की भी खेती करते है। लेकिन इस बार करोना महामारी के चलते घोषित लॉक डॉउन के बीच तैयार फूल खेत में ही लॉक डॉउन हो गए है। और किसान कर्ज में डूब गए है। किसानों को अब यह चिंता स्ताए जा रही है कि वो कर्ज कैसे चुकाएंगे।

 

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