Edited By Monika Jamwal,Updated: 29 Jul, 2021 05:23 PM
कश्मीर में पशुओं को एक खतरनाक बीमारी ने घेर लिया है।
श्रीनगर (मोनिका जम्वालः): कश्मीर में पशुओं को एक खतरनाक बीमारी ने घेर लिया है। फुट एंड माउथ डजीज यानि कि एफएमडी नाम की इस बीमारी से अभी तक घाटी में करीब छ सौ पशुओं की मौत हो चुकी है। मवेशी पालकों में को अब जानवरों की सुरक्षा को लेकर डर सता रहा है।
कश्मीर के मवेशी पालकों का कहना है िकवे अपनी रोजी-रोटी के इस अहम साधन का नुकसान बर्दाशत नहीं कर पाएंगे। बडगाम के नजीर अहमद की गाय एफएमडी बीमारी के चलते मर गई। उनके अनुसार उन्होंने गाय के इलाज पर करीब छह हजार खर्च किए पर फिर भी वो उसे बचा नहीं सके।
पुलवामा के कंगन और रोहमू के लोगों के अनुसार इस बीमारी को गलघोटू और मोखर कहते हैं और संबंधित विभाग सही समय पर जानवरों को इसका ईलाज देने में नाकाम रहा है। ईलज के अभाव के कारण जानवरों में संक्रमण फैल रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में दर्जनों लोगों ने जानवरों को इस संक्रमण के चलते खो दिया है।
वहीं लोगांे में नाराजगी है कि सरकार ने भी उनकी सुध नहीं ली। उन्हें कोई हर्जाना नहीं दिया जा रहा है। पशु पालन विभाग के सूत्रों के अनुसार कश्मीर में 18000 के करीब मामले सामने आ चुके हैं। पुलवामा और बडगाम में सबसे बुरे हालात हैं। छह हजार जानवरों की मौत हो चुकी है।
विभाग की सफाई
नोडल अधिकारी डा अनिल गुप्ता का कहना है कि करीब 17,723 मामले सामने आए थे और उनमें से 15000 के करीब जानवर ठीक हो गये थे। विभाग उनका ईलाज कर रहा है। मृत्यु दर कोई 4 प्रतिशत के करीब है। छोटे पशु मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कैंप लगाकर लोगों को इस संदर्भ में जागरूक किया जा रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े
अनंतनाग में अभी तक 1632 मामले सामने आए और उनमें से 34 पशुओं की मौत हो गई। बडगाम में 2968 मामले सामने आए जबकि 91 जानवरांे की मौत हो गई। बांदीपोरा में 2400 केस मिले और 52 की मौत हो गई। बारामूला में 2139 मामले और 91 की मौत, गांदरबल में 1430 मामले और 62 की मौत। कुलगाम में 1751 पशुओं में संक्रमण मिले जबकि बीमारी से 29 जानवर मर गये। कुपवाड़ा में 1434 मामले और कोई मौत नहीं। पुलवामा में 2759 मामले और 216 मौतें और शोपियां में 919 जानवरों में एफएमडी का संक्रमण और 15 जानवरों की मौत जबकि राजधानी श्रीनगर में 291 मामले और सात मौत।
विभाग की अपील
पशु पालन विभाग लोगों से अपील कर रहा है िकवे उन क्षेत्रों में अपने जानवरों को चराने के लिए न लेकर जाए जिनमें इस बीमारी के फैलने से संबंधित खबरें आ रही हैं और जिन क्षेत्रों में बीमारी फैली हुई है। अगर जानवर बीमार है और अगर आपको जानवर में ऐेसे कोई लक्ष्ण दिख रहे हैं तो विभाग को सूचित करें। डाक्टर बिना समय गंवाएं आपके घर पर आकर जानवर का ईलाज करेगा।