Edited By shukdev,Updated: 28 Mar, 2020 05:45 PM
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों में शनिवार को बदलाव किया जिसके तहत 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और ठहरने की अस्थायी व्यवस्था के लिए इस को....
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों में शनिवार को बदलाव किया जिसके तहत 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और ठहरने की अस्थायी व्यवस्था के लिए इस कोष से पैसा दिया जाएगा।मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित बंद के दौरान प्रवासी मजदूरों को चिकित्सा सेवा एवं कपड़े भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एसडीआरएफ के नए नियमों के तहत अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सीय देखभाल आदि का प्रावधान बंद के चलते फंसे प्रवासी मजदूर समेत बेघर लोगों तथा राहत शिविरों या अन्य स्थानों पर रह रहे लोगों पर लागू होगा।
ऐसी खबरें सामने आई हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपना कार्य स्थल छोड़ कर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने पैतृक स्थानों पर लौट रहे हैं और रास्ते में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा के बाद सामान्य यातायात सेवाएं बंद हो जाने के कारण प्रवासी मजदूरों के पास पैदल चलकर घर पहुंचने का ही विकल्प बचा है।