लागू हुआ खाद्य सुरक्षा अधिनियम, नहीं बना नया कानून

Edited By ,Updated: 22 Dec, 2016 10:56 PM

food security act came into force

पूरे देश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करना और दालों की कमी को दूर करने तथा इसके मूल्य पर नियंत्रण के लिए पहली बार दलहनों का बफर ...

नई दिल्ली: पूरे देश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करना और दालों की कमी को दूर करने तथा इसके मूल्य पर नियंत्रण के लिए पहली बार दलहनों का बफर स्टाक बनाना गुजरते साल में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्रालय की बडी उपलब्धि रही लेकिन उपभोक्ताओं के अधिकारो को लेकर नए कानून बनाने में उसे सफलता नहीं मिली।

पांच जुलाई 2013 को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लागू किए जाने के बाद अधिकांश राज्यों ने इसे कमोबेश लागू कर दिया था लेकिन केरल और तमिलनाडु अलग अलग कारणों से इसे लागू नहीं कर रहा था जिसने इस वर्ष इस कानून को लागू कर दिया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सरकार लगभग 81 करोड लोगों को सस्ते दर पर गेहूं और चावल उपलब्ध कराती है और इसके लिए सालाना 1 38 000 करोड रुपए सब्सिडी दी जाती है।

कुछ राज्य अपनी ओर से भी अतिरिक्त सब्सिडी देते हैं। सार्वजनिक प्रणाली में पारदर्शिता लाने तथा इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए इस प्रणाली का एक सिरे से दूसरे सिरे तक कम्प्यूटरीकरण के कार्य को पूरा किया गया। इसके तहत भारतीय खाद्य निगम तथा निजी भंडारों और दुकानों का कम्प्यूटरीकरण किया गया और लगभग 75 प्रतिशत से अधिक राशन कार्डो को आधार संख्या से जोडा गया।

इससे 2.62 करोड से अधिक जाली राशन कार्डो का पता चला और इसकी जगह जरूरतमंद लोगों को राशन कार्ड जारी किए गए। लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जगह अपनी इच्छा से गेहूं और चावल की खरीद कर सकें इसके लिए केन्द्र शासित चंडीगढ तथा पांडिचेरी और दमन दीव में लभान्वितों के खातें में सीधी सब्सिडी जारी करने का प्रयोग शुरू किया जिसमें प्रारंभिक दौर में कई तरह की शिकायतें आई। केन्द्र ने राज्यों से कम से कम एक ब्लाक में यह प्रयोग करने का अनुरोध किया था जो पूरी तरह विफल रहा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!