Edited By Yaspal,Updated: 31 Jul, 2020 06:55 PM
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने शुक्रवार को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लगभग 10 लाख कर्मियों के लिए विभिन्न प्रकार के ''स्वदेशी'' और ''खादी'' सामान की खरीद के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के साथ एक करार किया। आईटीबीपी...
नई दिल्लीः भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने शुक्रवार को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लगभग 10 लाख कर्मियों के लिए विभिन्न प्रकार के 'स्वदेशी' और 'खादी' सामान की खरीद के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के साथ एक करार किया। आईटीबीपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि बल खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) से 1,200 क्विंटल सरसों तेल की खरीद करेगा जिस पर कुल 1.73 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आएगा। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार को एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य 'स्वदेशी' या स्वदेश निर्मित उत्पादों की खरीद बढ़ाना है।''
एमओयू पर केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली में आईटीबीपी खरीद इकाई के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। चीन के साथ लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा के लिए पर्वतीय-युद्ध में प्रशिक्षित यह बल इस तरह का समझौता करने वाला अर्धसैनिक बल या सीएपीएफ में से पहला है। अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ और एसएसबी शामिल हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ महीने पहले घोषणा की थी कि सीएपीएफ कैंटीन केवल जून से केवल स्वदेशी या स्वदेश निर्मित उत्पाद बेचेगी। सरसों तेल के अलावा, आईटीबीपी केवीआईसी के साथ जुड़े आपूर्तिकर्ताओं से दरी, तौलिये और कंबल भी खरीद रहा है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आईटीबीपी द्वारा 17 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 2.5 लाख दरी की खरीद की जाएगी। बल सभी सीएपीएफ के लिए दरी की खरीद के लिए नोडल एजेंसी है।'' एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईटीबीपी ने यह भी सुझाव दिया है कि केवीआईसी के माध्यम से योग किट, अस्पताल की चादर, खादी की वर्दी, अचार और कुछ अन्य सामान भी सीएपीएफ के जवानों के लिए खरीदे जा सकते हैं। इन वस्तुओं को सीएपीएफ कैंटीन के माध्यम से कर्मियों और उनके परिवारों को बेचा जाएगा।