कश्मीर पर भारत का विरोध करने वाली अमेरिकी सांसद से विदेश मंत्री ने मिलने से किया इंकार

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Dec, 2019 08:21 PM

foreign minister refuses to meet american mp who opposes india on kashmir

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से मिलने से इनकार कर दिया है। जयपाल ने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव लाकर भारत से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया था।

वाशिंगटन: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से मिलने से इनकार कर दिया है। जयपाल ने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव लाकर भारत से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया था। जयशंकर ने गुरुवार को भारतीय पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि इस महीने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है। भारत और अमेरिका के बीच दूसरे टू प्लस टू संवाद से जुड़ी जयशंकर की वाशिंगटन डीसी की यात्रा संपन्न हो गई।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं उस प्रस्ताव से अवगत हूं। मुझे लगता है कि इसमें जम्मू-कश्मीर के हालात को ठीक से समझा नहीं गया। भारत सरकार जो कर रही है उसका निष्पक्ष चित्रण भी नहीं किया गया है। और मुझे (जयपाल से) मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी ऐसे लोगों से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जिन्होंने अपना मन पहले ही बना लिया है और जो वस्तु स्थिति से अवगत नहीं हैं। जयशंकर ने कहा कि मैं उन लोगों से मिलना चाहता हूं जो निष्पक्ष हैं और चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन उन लोगों से नहीं जो पहले ही अपना मन बना चुके हैं।
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अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहुंचने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जयपाल (54) ने इस महीने की शुरुआत में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया था। वह इस विषय पर अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की सोच को नजरअंदाज करते हुए प्रस्ताव पेश करने की अपनी पूर्व घोषित योजना पर आगे बढ़ीं। यह प्रस्ताव अभी लंबित है। इसमें उन्होंने भारत से कहा कि जम्मू-कश्मीर में संचार पर लगी सभी पाबंदियां जल्द से जल्द हटाई जाएं जो 5 अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाई गई थीं। इसके अलावा सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का अनुरोध भी किया गया है।

भारत ने कश्मीर में पाबंदियां लगाने का यह कहते हुए बचाव किया है कि ऐसा पाकिस्तान को आतंकियों और अन्य उपद्रवियों की मदद से यहां और गड़बड़ी फैलाने से रोकने के लिए किया गया है। इससे पहले वाशिंगटन पोस्ट में आई एक खबर में कहा गया था कि जयशंकर ने इस हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अपनी मुलाकात एकाएक ही रद्द कर दी क्योंकि अमेरिकी सांसदों ने जयपाल को बैठक में शामिल नहीं करने की उनकी मांग खारिज कर दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जयशंकर प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों के अध्यक्ष एलियट एल एंजेल, समिति के शीर्ष रिपब्लिकन सदस्य माइकल मैककौल और अन्य अमेरिकी सांसदों से मिलने वाले थे, जिनमें जयपाल भी शामिल थीं।

वाशिंगटन पोस्ट ने जयपाल के हवाले से कहा, ‘‘यह इस विचार को और भी मजबूत करता है कि भारत सरकार असहमति की किसी आवाज को बिलकुल नहीं सुनना चाहती। कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि यह बैठक इसलिए रद्द हुई क्योंकि विदेशी मामलों की समिति बैठक के बुनियादी नियमों को लगातार बदलती रही और सूची में नित नए सदस्यों को शामिल करती रही। उन्होंने बताया कि बैठक से पहले सूची में जयपाल समेत कई अन्य सांसदों को शामिल किया गया, जिन्हें भारत का आलोचक माना जाता है और जो कश्मीर पर प्रस्ताव के प्रायोजक हैं।

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