विदेश मंत्री की पाक को दो टूक, कहा- 'टेररिस्तान' से बातचीत नहीं करेगा भारत

Edited By vasudha,Updated: 25 Sep, 2019 12:36 PM

foreign minister says india will not talk to terristan

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से नहीं लेकिन उसे ‘‘टेररिस्तान'''' से बात करने में समस्या है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिये एक पूरे के पूरे आतंकी उद्योग का निर्माण किया है...

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से नहीं लेकिन उसे ‘‘टेररिस्तान'' से बात करने में समस्या है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिये एक पूरे के पूरे आतंकी उद्योग का निर्माण किया है। जयशंकर ने न्यूयॉर्क में सांस्कृतिक संगठन ‘एशिया सोसाइटी' की ओर से मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब भारत ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया तब इस पर पाकिस्तान तथा चीन से प्रतिक्रिया आयी थी। 

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जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को पांच अगस्त को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को भी निष्कासित कर दिया था। चीन ने कश्मीर में स्थिति को लेकर इसे गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा कि संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सावधानी से काम करना चाहिए खासकर ऐसी कार्रवाइयों से बचना चाहिए जो एकतरफा यथास्थिति को बदलता हो और तनाव को बढ़ाता हो। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है और उन्हें सिर्फ पाकिस्तान बने रहना होगा, दूसरा नहीं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाये जाने का भारत की बाह्य सीमाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। 

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जयशंकर ने कहा कि हमने इसमें अपनी मौजूदा सीमाओं में रहकर सुधार किया है। जाहिर तौर पर पाकिस्तान और चीन से प्रतिक्रियाएं आयीं। दोनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग थीं। मुझे लगता है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिये वास्तव में समूचे आतंकवाद के उद्योग को रचा। मेरी राय में यह वाकई में कश्मीर से बहुत बड़ा मुद्दा है और मुझे लगता है कि उन्होंने इसे भारत के लिये निर्मित किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान को अब लगता है कि अगर यह नीति सफल हो जाती है तो 70 साल का उसका ‘‘निवेश'' घाटे में पड़ जायेगा। इसलिए आज उनकी प्रतिक्रिया कई रूपों में गुस्से, निराशा के रूप में सामने आ रही है क्योंकि आपने लंबे समय से एक पूरा का पूरा आतंकवाद का उद्योग खड़ा किया है।'

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विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि आज के समय में शासन के एक वैध साधन के रूप में आप आतंकवाद का इस्तेमाल करते हुए ऐसी नीतियां नहीं बना सकते हैं। जयशंकर ने इतने वर्षों से जम्मू कश्मीर में विकास, अवसरों की कमी का हवाला दिया, जिनसे वास्तव में अलगाववाद की भावना, अलगाववाद पैदा हुआ जिसका इस्तेमाल आतंकवाद के लिये किया गया। यह पूछे जाने पर कि कश्मीर पर वार्ता के लिये पूर्व की शर्त के तौर पर पाकिस्तान को क्या करना चाहिए, इस पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसे गलत अर्थ में लिया जा रहा है। सबसे पहले तो पाकिस्तान को अपने स्तर पर कुछ बेहतर करना होगा। अगर वह ऐसा करता है तो इससे भारत के साथ पड़ोसी देश के संबंध सामान्य होंगे। चीन पर उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, चीन ने उसे गलत समझा। मैं नहीं जानता कि वे ऐसा क्यों मानते हैं कि इसका उन पर असर पर पड़ेगा।

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