Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Apr, 2018 02:18 PM
विदेश मंत्रालय ने इराक के मोसुल शहर में मारे गए 39 भारतीय नागरिकों के नाम, स्थायी पते और उनकी डीएनए रिपोर्ट आदि का ब्योरा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत हासिल करने के लिए इराक स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने को कहा है। सामाजिक कार्यकर्त्ता अशोक...
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने इराक के मोसुल शहर में मारे गए 39 भारतीय नागरिकों के नाम, स्थायी पते और उनकी डीएनए रिपोर्ट आदि का ब्योरा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत हासिल करने के लिए इराक स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने को कहा है। सामाजिक कार्यकर्त्ता अशोक रंधावा के आरटीआई आवेदन पर विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में बगदाद स्थित दूतावास से मोसुल के मृतकों की विस्तृत जानकारी हासिल करने को कहा है। रंधावा ने आरटीआई आवेदन में मंत्रालय से इराक के मोसुल में आतंकी संगठन आईएसआईएस के हमले में मारे गए 39 भारतीय नागरिकों की डीएनए रिपोर्ट, मृतकों के नाम और स्थायी पते, मृतकों के भारत में रह रहे परिजनों के संपर्क सूत्र और पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए सरकार द्वारा की गयी अब तक की कार्रवाई की जानकारी मांगी थी।
मंत्रालय में आरटीआई शाखा की अधिकारी के.पी. हेमलता ने रंधावा के गत 23 मार्च के आवेदन के जवाब में पांच अप्रैल को बताया कि उनका आरटीआई आवेदन बगदाद में भारतीय दूतावास को भेज दिया गया है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिये हेमलता ने रंधावा को दूतावास में तैनात द्वितीय सचिव और प्रमुख सूचना अधिकारी महिपाल सिंह से संपर्क करने को कहा है। रंधावा ने बताया कि वह वर्ष 2005 में दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान सरोजनी नगर में हुए विस्फोट में सही सलामत बच गए लोगों में से एक हैं। उसके बाद से वह देश विदेश में आतंकी हमलों के शिकार हुए भारतीय नागरिकों और उनके परिजनों को कानूनी एवं चिकित्सकीय मदद पहुंचाने के लिए अभियान चला रहे हैं।
इसी के तहत उन्होंने मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के परिजनों की मदद के लिए मंत्रालय से यह जानकारी मांगी थी। उल्लेखनीय है कि मोसुल से लापता हुए 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले महीने संसद में मृतकों की डीएनए रिपोर्ट के आधार पर की थी। रंधावा ने कहा ‘‘उस समय स्वराज ने सभी मृतकों के परिजनों से मंत्रालय द्वारा संपर्क किए जाने की भी बात कही थी लेकिन अब, जबकि पीड़ित परिवारों की मदद करने के लिए हम जानकारी मांग रहे हैं तो मंत्रालय इराक जाने को कह रहा है।’’