Edited By Utsav Singh,Updated: 11 Aug, 2024 06:03 PM
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से संदीप वाल्मीकि को पार्टी में शामिल कराए जाने के बाद उनके खिलाफ पुरानी विवादित खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इसके तुरंत बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संदीप वाल्मीकि को पार्टी से बाहर का रास्ता...
नेशनल डेस्क : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से संदीप वाल्मीकि को पार्टी में शामिल कराए जाने के बाद उनके खिलाफ पुरानी विवादित खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इसके तुरंत बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संदीप वाल्मीकि को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
संदीप वाल्मीकि का भाजपा में शामिल होना
शनिवार को हरियाणा के पंचकूला में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में संदीप वाल्मीकि ने भाजपा में शामिल होने की औपचारिकता पूरी की। मुख्यमंत्री ने उन्हें पार्टी का दामन थमाया और उनके साथ अन्य नेताओं ने भी उनका स्वागत किया। संदीप वाल्मीकि के भाजपा में शामिल होने के कुछ ही समय बाद, सोशल मीडिया पर उनके पूर्व विवादों से जुड़ी पुरानी खबरें तेजी से फैलने लगीं। इन खबरों में संदीप पर गंभीर आरोपों का जिक्र था, जो उनकी नई पार्टी की छवि को प्रभावित कर रहे थे।
भाजपा का त्वरित एक्शन
जैसे ही भाजपा को इन विवादित खबरों की जानकारी मिली, उन्होंने तत्काल एक्शन लिया। पार्टी ने पाया कि संदीप वाल्मीकि ने अपनी पूर्व पृष्ठभूमि को छिपाया था और पार्टी को सही जानकारी नहीं दी थी। इसके चलते भाजपा ने संदीप को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया। भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया ने एक पत्र जारी कर इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संदीप वाल्मीकि ने भाजपा ज्वाइन करने से पहले अपनी विवादित पृष्ठभूमि को छुपाया था, जिसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर किया गया है। पत्र में यह भी कहा गया कि संदीप अब भविष्य में भाजपा से किसी भी रूप में जुड़े नहीं रहेंगे।
संदीप वाल्मीकि की पृष्ठभूमि
संदीप वाल्मीकि आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुके थे। 2016 में राशन कार्ड बनाने को लेकर एक महिला ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस विवाद के बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संदीप को मंत्री पद से हटा दिया था और पार्टी से भी निकाल दिया था। संदीप ने शनिवार शाम करीब आठ बजे भाजपा में शामिल होने की औपचारिकता पूरी की थी। इसके बाद, केवल तीन घंटे में ही भाजपा ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। संदीप वाल्मीकि मूल रूप से सोनीपत के रहने वाले हैं।इस घटनाक्रम ने दिखाया कि भाजपा ने अपनी छवि को बनाए रखने के लिए त्वरित और निर्णायक कदम उठाए, और किसी भी प्रकार के विवाद से दूर रहने की कोशिश की।