Edited By ,Updated: 28 Feb, 2016 10:20 AM
पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई पहले भी इशरत जहां एनकाउंटर मामले में कई सनसनीखेज खुलासे कर चुके हैं वहीं एक और बड़ा खुलासा कर उन्होंने सबको चौंका दिया है।
नई दिल्ली: पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई पहले भी इशरत जहां एनकाउंटर मामले में कई सनसनीखेज खुलासे कर चुके हैं वहीं एक और बड़ा खुलासा कर उन्होंने सबको चौंका दिया है। पिल्लई ने दावा किया कि 2009 में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस केस में केंद्र सरकार का हलफनामा बदलवाया था, ताकि इशरत के लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन की बात सामने ही न आए। पिल्लई यूपीए सरकार के दौरान गृह सचिव थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पिल्लई ने बताया कि तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम ने ज्वॉइंट सेक्रेटरी से इशरत जहां केस की फाइल मंगवाई थी और कहा था कि हलफनामे में बदलाव की जरूरत है। पिल्लई ने दावा कि हलफनामे में बदलाव के बाद ही केस की फाइल उनके पास आई थी। पिल्लई ने बताया कि पहले इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया था, उसमें इशरत और उसके तीन साथियों (जावेद शेख उफ प्रणेश पिल्लई, जीशना जौहर और अमजद अली राणा) को लश्कर के स्लीपर सेल का सदस्य बताया था। इस हलफनामे को कोर्ट में गृह मंत्रालय ने दायर किया था।
पिल्लई के दावे पर चिदंबरम की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। क्या हलफनामा राजनीतिक स्तर पर बदलवाया गया था के सवाल पर पूर्व गृह सचिव ने कहा, ‘मैं नहीं जानता क्योंकि यह मेरे स्तर पर नहीं किया गया। मैं कहूंगा कि यह राजनीतिक स्तर पर किया गया। तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2009 में दो महीने के भीतर दो हलफनामे दाखिल किए थे। एक में कहा गया था कि कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए चार लोग आतंकवादी थे जबकि दूसरे में कहा गया था कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने लायक सबूत नहीं हैं।