Edited By Seema Sharma,Updated: 14 May, 2019 04:27 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बालाकोट एयरस्ट्राइक पर दिए रडार वाले बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष पीएम मोदी के इस बयान का काफी मजाक उड़ा रहा है लेकिन जो इस मिशन में शामिल थे अब उनकी तरफ से इस पर प्रतिक्रिया आई है।
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बालाकोट एयरस्ट्राइक पर दिए रडार वाले बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष पीएम मोदी के इस बयान का काफी मजाक उड़ा रहा है लेकिन जो इस मिशन में शामिल थे अब उनकी तरफ से इस पर प्रतिक्रिया आई है। एयरस्ट्राइक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह मिशन काफी सीक्रेट था और इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को थी। उन्होंने कहा कि इस प्लान को स्थगित कना संभव नहीं था और न ही इसमें बदलाव किया जा सकता था क्योंकि सारी तैयारियां हो चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक अगर इस प्लान को स्थगित करते तो इसकी जानकारी लीक हो सकती थी।
बादल और रडार पर हुई थी चर्चा
बादल और रडार वाले बयान पर सूत्रों ने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के पहले यह बात उठी थी कि बादलों के कारण पायलट्स को टारगेट पॉइंट हिट करने में दिक्कत हो सकती है क्योंकि उस दिन घने बादल थे। तब सेना एक्सपर्ट ने हमले को स्थगित करने और दिन बदलने का सुझाव दिया था लेकिन इसकी गुप्तता को देखते हुए ऐसा नहीं किया गया। वहीं भारतीय लड़ाकू विमानों के पूर्व पायलटों का कहना है कि लड़ाकू विमानों को बादल रडार से तो नहीं बचा सकते थे, लेकिन यह बात जरूर है कि बादलों के कारण पायलट को टारगेट की सही तस्वीर नहीं मिल पाती है। रिटायर्ड एयर मार्शल विनोद भाटिया ने इस बारे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह सही है कि बादलों ,तूफान, आंधी और बारिश में पायलटों को दिक्कत तो आती है लेकिन विमान रडार से नहीं बच सकते। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि रडार बादलों के बीच विमानों की गतिविधि पता नहीं कर सकते। वहीं सूत्रों के मुताबिक अगर उस दिन बादल नहीं होते तो आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक के बाद हुए नुकसान की और भी साफ़ तस्वीर मिल सकती थी। बादल और रडार को लेकर हर किसी की अपनी प्रतिक्रिया है।