रेलिगेयर फिनवेस्ट घोटाला: सिंह बंधुओं की लड़ाई और गंदी हुई

Edited By Anil dev,Updated: 30 Oct, 2019 10:51 AM

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फोर्टिस और रेलिगेयर के पूर्व प्रमोटर भाइयों शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की आपसी लड़ाई अब और गंदी हो चली है। जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, उससे लगता है कि परिवार के सदस्य एक दूसरे पर कुछ और मामले दर्ज करा सकते हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल...

नई दिल्ली: फोर्टिस और रेलिगेयर के पूर्व प्रमोटर भाइयों शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की आपसी लड़ाई अब और गंदी हो चली है। जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, उससे लगता है कि परिवार के सदस्य एक दूसरे पर कुछ और मामले दर्ज करा सकते हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में भी दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए हैं। 

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ट्रिब्यूनल में शिविंदर ने अपने बड़े भाई मलविंदर को ‘भस्मासुर’ बताते हुए उन्हें पर्सनेल्टी डिसऑर्डर से पीड़ित बताया है। साथ ही कंपनी आरएचसी होल्डिंग्स का फोरेंसिक ऑडिट कराने की भी मांग की है। वहीं मलविंदर सिंह ने छोटे भाई के आरोप को फर्जी बताते हुए केस करने की चेतावनी दी है। साथ ही आरोप लगाया है कि शिविंदर राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा प्रमुख को खुशकर डेरे का अगला प्रमुख बनने की लिए उनकी खुशामद कर रहा है। शिविंदर ने उनकी यूनिटों में पैसे भी ट्रांसफर किए हैं। राधास्वामी प्रमुख पर आरएचसी का पैसा बकाया है।

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हिरासत में हैं दोनों भाई
पैसे के हेराफेरी के मामले में दोनों भाई अभी हिरासत में है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस महीने को शुरू में दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया था। गत जुलाई में शिविंदर ने एनसीएलटी में मलविंदर पर ये आरोप लगाए थे। मलविंदर ने अगस्त में इनका जवाब दाखिल किया था. ट्रिब्यूनल में दिसंबर में इस पर सुनवाई शुरू होगी। 

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मलविंदर को निदेशक पद से हटाने की मांग
ग्रुप की होल्डिंग कंपनी आरएचसी के डायरेक्टर पर पद से मलविंदर सिंह को हटाने की मांग करते हुए शिविंदर ने एनसीएलटी से अनुरोध किया है कि वह बोर्ड को अपने कंट्रोल में ले ले। उन्होंने मलविंदर को आरएचसी के कार्यालयों में जाने से रोकने की भी मांग की है।
 

मलविंदर का जवाब
मलविंदर का कहना है कि शिविंदर ने असल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश में बेमतलब के मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने शिविंदर पर फोर्टिस हेल्थकेयर, आरएचसी, रेलिगेयर इंटरप्राइजेज से बड़े पैमाने पर फंड डायवर्डन कर डेरा प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लो के नियंत्रण वाली इकाइयों को देने का आरोप लगाया है। मलविंदर के अनुसार ढिल्लो के नियंत्रण वाली यूनिट लोवे को 600 करोड़ रुपये का अनस्कियोर्ड लोन फोर्टिस हेल्थकेयर ने दिया था। इस पैसे से गुरुग्राम में 20 एकड़ जमीन खरीदी गई। इस विवादित डील की जांच सीबीआई कर रही है।



 

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