चीन से तनातनी के बीच सेना की चार दिवसीय कमांडर कॉन्फ्रेंस आज से दिल्ली में शुरू, इन मुद्दों पर चर्चा

Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Oct, 2020 09:29 AM

foru day army commanders conference to begin today in delhi

भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर की चार दिवसीय कॉन्फ्रेंस सोमवार से दिल्ली में शुरू हो रही है। इस सैन्य कॉन्फ्रेंस को रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और CDS बिपिन रावत संबोधित करेंगे। शीर्ष कमांडर कॉन्फ्रेंस में पूर्वी लद्दाख के साथ ही चीन से लगने...

नेशनल डेस्कः भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर की चार दिवसीय कॉन्फ्रेंस सोमवार से दिल्ली में शुरू हो रही है। इस सैन्य कॉन्फ्रेंस को रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और CDS बिपिन रावत संबोधित करेंगे। शीर्ष कमांडर कॉन्फ्रेंस में पूर्वी लद्दाख के साथ ही चीन से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा के अन्य संवेदनशील इलाकों में भारत की युद्धक तैयारी का व्यापक आकलन करेंगे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक कमांडर संसाधनों के तर्कसंगत वितरण के लिए काफी समय से लंबित सुधारों पर चर्चा करेंगे जिनमें विभिन्न समारोह आयोजित करने की प्रथाओं और गैर सैन्य गतिविधियों में कटौती करने जैसे उपाय शामिल हैं। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सैन्य कमांडर सम्मेलन (ACC) की अध्यक्षता करेंगे, जो महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों के लिए हर छह महीने पर होने वाला शीर्ष स्तरीय आयोजन है। इसमें सभी सैन्य कमांडर, सैन्य मुख्यालयों के प्रिंसिपल स्टाफ अफसर (PSO) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे।

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सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया मंगलवार को कमांडरों को संबोधित करेंगे। सूत्रों के मुताबिक सैन्य कमांडर पूर्वी लद्दाख और जम्मू-कश्मीर समेत राष्ट्र के समक्ष सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा करेंगे। पूर्वी लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है क्योंकि मई की शुरुआत में गतिरोध बढ़ने के बाद से भारत और चीन की सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं।

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इन मुद्दों पर चर्चा

  • कमांडर सेना में मानव संसाधन प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर विशिष्ट रूप से चर्चा करेंगे जबकि बुधवार को शीर्ष सैन्य कमांडरों द्वारा उठाए गए विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर गहन चर्चा की जाएगी। 
  • अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। यह भारत की तीनों सेनाओं वाली एक मात्र कमान है। 
  • राष्ट्र के सामने सुरक्षा चुनौतियों की समीक्षा के अलावा सैन्य कमांडर संसाधनों के उपयोग के लिये अलग-अलग आंतरिक समितियों द्वारा विभिन्न सुधारात्मक उपायों को लेकर की गई अनुशंसा पर चर्चा भी करेंगे। 
  • इसके साथ ही 13 लाख कर्मियों वाले बल की संचालन क्षमता और बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। 
  • कुछ प्रस्ताव जिन पर सम्मेलन में चर्चा होगी उनमें सेना दिवस और प्रादेशिक सेना दिवस परेड को बंद करना या कम करना, विभिन्न समारोह की प्रथाओं को कम करना और शांति वाले क्षेत्रों में व्यक्तिगत अधिकारी मेस की संख्या को कम करना शामिल हैं। 
  • इसी तरह शीर्ष सैन्य अधिकारी उस प्रस्ताव पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के आधिकारिक आवास पर गार्ड्स की संख्या कम करने का जिक्र है। 
  • इसके अलावा अगर एक ही स्टेशन में कई कैंटीन चल रही हैं तो ऐसे सीएसडी की संख्या को कम करने के प्रस्ताव पर भी इस दौरान चर्चा होगी। एक और प्रस्ताव जिस पर सैन्य कमांडरों की बैठक के दौरान चर्चा होनी है, वह विभिन्न इकाइयों से स्थापना दिवस और युद्ध सम्मान दिवस की लागत कम करने को कहना है।    
  • सम्मेलन के आखिरी दिन के एजेंडा में सीमा सड़क संगठन (BRO) और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं के बारे में बॉर्डर रोड्स के महानिदेशक द्वारा संबोधन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सेना में विभिन्न स्तर पर मानवशक्ति के अनुकूलतम इस्तेमाल के लिये “स्वचालन पहलों” पर भी चर्चा की जाएगी। एक सूत्र ने कहा कि सम्मेलन का समापन खेल ट्रॉफी और उड़ान सुरक्षा ट्रॉफी देने के बाद सेना प्रमुख के समापन भाषण से होगा।
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