Edited By shukdev,Updated: 29 Jul, 2018 05:17 PM
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में नक्सलियों द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी के बाद चार आदिवासी परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है। कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक (एसपी)अभिषेक पल्लव ने बताया कि अबुझामद इलाके (माओवादियों के एक मजबूत गढ़) के दूरदराज में...
रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में नक्सलियों द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी के बाद चार आदिवासी परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है। कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक (एसपी)अभिषेक पल्लव ने बताया कि अबुझामद इलाके (माओवादियों के एक मजबूत गढ़) के दूरदराज में स्थित बेचा गांव से बच निकलने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक सूचना के मुताबिक, इन परिवारों के करीब 24 वयस्क लोगों ने अपने बच्चों के साथ गांव छोड़ दिया जिसकी सही संख्या के बारे में जानकारी नहीं है।
एसपी ने बताया कि अपने बयानों में पीड़ितों ने कहा है कि उनके कुछ परिजनों के पुलिस बल में शामिल होने के कारण माओवादियों ने उन पर पुलिस मुखबीर के रूप में काम करने का आरोप लगाया। पीड़ितों के हवाले से पल्लव ने बताया कि उन पर कथित तौर पर उग्रवादियों का समर्थन करने का दबाव था लेकिन जब उन्होंने इंकार कर दिया तो नक्सलियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
शुक्रवार रात में पीड़ितों को पता चला कि नक्सली उनके परिवार के सदस्यों को दोषी ठहराने के लिए एक ‘जन अदालत’ लगाएंगे जिसके बाद वे रविवार सुबह गांव से बच निकले। उन्होंने बताया कि पीड़ितों ने राज्य की राजधानी रायपुर से करीब 300 किलोमीटर दूर छोटे डोनगार थाना में संपर्क किया। पल्लव ने बताया कि बाद में इन परिवारों के प्रमुखों को कोंडागांव जिला मुख्यालय लाया गया।