फ्रांस वेबसाइट का बड़ा दावा- राफेल डील में हुआ भ्रष्टाचार, भारतीय बिचौलिये को मिले थे करोड़ों रुपए

Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Apr, 2021 11:25 AM

france website claims corruption in rafale deal

फ्रांस से पिछले महीने तीन और राफेल लड़ाकू विमानों का चौथा जत्था भारत पहुंचा है, जिससे भारतीय बेड़े में राफेल विमानों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। वहीं इसी बीच राफेल लड़ाकू विमान सौदे में एक बार फिर से भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर निकल आया है। दरअसल...

नेशनल डेस्क: फ्रांस से पिछले महीने तीन और राफेल लड़ाकू विमानों का चौथा जत्था भारत पहुंचा है, जिससे भारतीय बेड़े में राफेल विमानों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। वहीं इसी बीच राफेल लड़ाकू विमान सौदे में एक बार फिर से भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर निकल आया है। दरअसल फ्रांस के एक पब्लिकेशन ने इस सौदे में भ्रष्टाचार होने का दावा किया है। पब्लिकेशन ने दावा किया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट ने भारत में एक बिचौलिये को 10 लाख यूरो ( 8 करोड़ रुपए से ज्यादा) गिफ्ट के तौर पर दिए। फ्रांसीसी मीडिया के इस खुलासे के बाद एक बार फिर से देश में राफेल डील सवालों के घेरे में आ गई है। 

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दसॉल्ट ग्रुप के अकाउंट से ट्रांसफर हुए 10 लाख यूरो
फ्रांसीसी मीडिया की खबर के मुताबिक इसका खुलासा तब हुआ जब राफेल की डील पर साइन हो चुके थे और फ्रांस की एंटी करप्शन एजेंसी AFA ने पाया कि दसॉल्ट ग्रुप के अकाउंट से 10 लाख यूरो ‘गिफ्ट टू क्लाइंट्स’ के तौर पर ट्रांसफर हुए थे जो भारत मे किसी को दिए गए। दसॉल्ट ग्रुप ने अपनी सफाई में कहा था कि इन पैसों का इस्तेमाल राफेल लड़ाकू विमान के 50 बड़े 'मॉडल' बनाने में हुआ था लेकिन अभी तक ऐसा कोई मॉडल बना ही नहीं। हालांकि AFA ने इस मामले को अभी प्रोसिक्यूटर के हवाले नहीं किया है। यह राशि तब ट्रांसफर हुई जब राफेल की डील पर साइन हो गए थे।

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फ्रांसीसी रिपोर्ट का दावा है कि अक्तूबर 2018 में फ्रांस की पब्लिक प्रोसिक्यूशन एजेंसी PNF को राफ़ेल सौदे में गड़बड़ी के लिए अलर्ट मिला था। तभी ऑडिट करवाया गया और यह ‘गिफ्ट टू क्लाइंट्स’ की बात सामने आई। हालांकि दसॉल्ट ग्रुप के पास इन आरोपों का कोई जवाब नहीं था और न ही वो यह बता पाई कि इतनी राशि किसको दी गई है।

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फिर सवालों के घेरे में राफेल डील
हालांकि रिपोर्ट में जिस भारतीय कंपनी का नाम सामने आया है वो पहले भी काफी विवादों में रही है। बता दें कि जब साल 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की डील की थी तब भी विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया था और इस डील में बड़ी गलबड़ी की बात कही थी। लेकिन तब सरकार का कहना था कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए राफेल को निशाने पर लिया जा रहा है। खासकर कांग्रेस मे राफेल डील को लोकसभा चुनाव 2019 में मुख्य मुद्दा बनाया था। बता दें कि भारत को साल 2022 में सारे राफेल मिल जाएंगे।

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