Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Apr, 2019 10:40 AM
भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान और भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से लेकर राजनीतिक क्षेत्र के बड़े-बड़े नेता सत्य साईं बाबा के भक्त थे। बाबा आध्यात्मिक गुरु थे लेकिन जितनी इज्जत और शोहरत उन्हें मिली।
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भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान और भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से लेकर राजनीतिक क्षेत्र के बड़े-बड़े नेता सत्य साईं बाबा के भक्त थे। बाबा आध्यात्मिक गुरु थे लेकिन जितनी इज्जत और शोहरत उन्हें मिली। शायद ही किसी और को मिली है। उनके देह छोड़ने के इतने वर्षों के बाद भी उन्हें चमत्कारी बाबा के रुप में याद किया जाता है। कभी वो हवा में चीजें प्रकट करते थे तो कभी अपनी मौत का दिन निश्चित कर देते थे। आज उनकी पुण्यतिथि है।
देश-विदेश में उनका प्रभाव ज्यों का त्यों कायम है। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में पुट्टपर्थी गांव के एक सामान्य परिवार में बाबा का जन्म हुआ था। आज गांव पुट्टपर्थी अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर अपना खास स्थान बनाए हुए हैं। कस्बे में एक विशेष हवाई अड्डा है, जहां विश्व भर से बाबा के भक्त चार्टर्ड विमानों से आते हैं। बचपन में उनका नाम सत्यनारायण राजू था। उन्होंने 14 साल की आयु में स्वयं को शिरडी के साईं बाबा का अवतार बताया।
हवा में करते थे चमत्कार
वह हवा में हाथ घुमा कर बहुत सारी चीज़े प्रकट करते थे। जहां भक्तों को उन पर अटूट विश्वास था वहीं आलोचक उनकी निंदा करते थे। बचपन में जब वो ऐसे चमत्कार करते थे तो लोगों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं होता था। जब वो राजू से साईं बाबा बन गए तो उन्होंने एक से बढ़कर एक चमत्कार दिखाए। शुरुआत में उनके घर गुरुवार को भजन होते थे, धीरे-धीरे हर रोज़ होने लगे। उनका सबसे प्रसिद्ध चमत्कार था भक्तों के ऊपर भभूत गिराना। वे अपना खाली हाथ हवा में उछालते और भभूत निकलने लगती। जब उनके हाथ में अचानक सोने की चेन आ जाती तो भक्तों की आस्था उनके प्रति ओर बढ़ने लगती।
वी आई पी भक्त
न केवल आम इंसान बल्कि सत्य साईं बाबा की भक्त थी बहुत सारी नामचीन हस्तियां जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अशोक सिंधल और आरएसएस के लगभग सभी बड़े नेता उनके दरबार में हाजिरी लगाने जाते थे।
सचिन और साईं का मिलन
क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने सचिन और साईं का मिलन करवाया था। उनकी सारी फैमिली बाबा की भक्त थी। जब बाबा इस संसार से गए तो सचिन ने स्वयं को होटल के कमरे में बंद कर लिया था और गहरे शोक में चले गए थे। जब वो सचिन पुट्टापर्थी के कुलवंत हॉल में बाबा के अंतिम दर्शनों के लिए गए तो उनकी पत्नी अंजलि भी उनके साथ थी। बाबा के अंतिम दर्शन के वक्त वे फूट-फूट कर रोए थे।
प्रसिद्ध कथा
जब साईं स्कूल में पढ़ते थे तो एक दिन अध्यापिका ने उन्हें बिना किसी गलती के बेंच पर खड़ा करा दिया। उन्होंने उनके आदेश का पालन करते हुए चुपचाप घंटों बेंच पर खड़े-खड़े बिता दिए। जब कक्षा का वक्त समाप्त हुआ तो टीचर कुर्सी के साथ चिपक गई। वे लाख प्रयत्न करने पर भी उठ नहीं पाई। तब उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ।
अपनी मौत से पहले की थी भविष्यवाणी
साईं बाबा ने कहा था वे 96 साल तक स्वस्थ जीवन व्यतित करेंगे लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। प्रशांतग्राम के श्री सत्य साई सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 24 अप्रैल, 2011 को 84 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस लिया था। उनके भक्तों का कहना है बाबा ने सूर्य वर्षों के बजाय तेलुगू भाषी हिंदुओं द्वारा गिनने वाले कई चंद्र वर्षों का जिक्र किया था।
सत्य साईं का मंदिर
बाबा के गांव के समीप साल 1944 में उनके एक भक्त ने मंदिर बनवाया था। जो पुराने मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।